आजाद भारत की पहली महिला अपराधी शबनम जिसे दी जायेगी फांसी क्रुरता की सीमाओ को लांघी जानेपर सही डिसीजन हुआ व होने जा रहा है और ।।

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आजाद भारत की पहली महिला अपराधी शबनम जिसे दी जायेगी फांसी की सजा जिसने भी एक एसी घटना घटीत कि जो आज तक के इतिहास में एसी घिनोनी हरकत किसी भि इनसान क्या जानवर भी नहीं करता है और नही करेगा कभी वह है एक प्रेम व प्यार के चक्कर में एसने अपने ही माँ बाप और बहिन भाईयों कि निरम्मता से कुल्हाड़ियों से काट काट कर हत्याकांड को अंजाम दिया गया था जिसमें अबोध बच्चों को भि काट डाला था जो क्रुरता पूर्ण हरकत की गयी थी जो सभी सीमाओ को लांघती हुई हरकते की गयी थि तो फिर यह सजा तो होगी हि जिस लड़की ने अपने माँ बाप के पालन पोषण का यह फर्ज निभाया के एक अंजान और कुछ समय पहले मिला वह लड़का जो उसको अपनी बातो में बहला फुसलाकर अपनी इक्क्षाओ कि पूर्ति करने के लिये उस लड़की व उस लड़के ने अपनी अपनी स्वतंत्रता से जीने व अपनी इक्क्षाओ को पूरी करने के लिये इन्होने जो क्रत किया था जो अपनी राह के रोड़ा बने समझ कर हटा दिया गया था जो उसकी सजा तो मिलना ही थि और जो आज यह दिन आना ही था जो तो फाँसी कि सजाऐ भी कम है इन लोगो को भि बीच चौराहे पर खड़ाकर के थोड़ा थोड़ा काटना चाहिए जिससे और जो लोग देखेंगे तो फिर पुनः एसी हरकत करने का एहसास न कर सकेगा कोईभी ।यह कानून के मामले में तो सबसे आगे साऊदी अरब ही है जहापर जो जैसे गुनाह करता है उसको वैसे ही तुरंत ही सजा दे दी जाती है जिसके चलते उहापर हीरे जबाहरातो से भरी दुकानों को एसे ही खुली छोड़कर दिन में नबाज अदा करने को चले जाते है । तबभी कोईभी सामान को नहीं चुराते है और नहीं लूटपाट की जाती है तो यह हुआ न राम राज्य ।जो आज हमारे भारत के लोग कहते है के हम राम राज्य लायेगे य लागू करवाएगे तो वह सभी झूठी बाते है क्योंकि जो सरकारो को चलाते चलाते कई वर्षो को निकाल दिया है हमारे भारत के माननीय महामहीम राष्ट्रपति ए के अब्दुल कलाम जी और माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी एवं माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने और अब योगी जी ने जो अच्छे काम किये है और कर रहे है और नही कोई संपत्तियां अर्जित की है और नही परिवार बाद किया है जो भी यह महान मूर्तियों ने काम किये है और कर रहे है वह देश के हितो में कार्य करने में लगे है पर जो भ्रष्टाचारियो को रास नहीं आ रहा है तो आम जनता को भड़काने में लगे है और जो स्वार्थी तत्व है वह अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे है और जो यह नाम लिखे गये है खबर में सम्मानित हस्तियों के वो बाकायदा सही व सत्य कार्य करने में लगे है जो सभी लोगो के सामने है फिर भी लड़ईयो कि तरह सभी बेबकूफ लोग हा में हा भरते है और सरकारों के खिलाफ विरोधी नारेबाजी व काम करने में लग जाते है और कुछ जो हमारे मीडिया में घुसे चाटूकार भ्रष्ट चम्चे जो रूपये व अपनी जरूरतो को पूरा करने की हर प्रकार की सेवाओं को लेते हूए भ्रष्टाचारियो का साथ देने में लगे हुए है जो कि सरासर गलत है ।अगर मुझे एक सप्ताह के लिये स्वतंत्र रूप से कैन्द्र में काम करने के लिये बैठार दिया जायेगा तो एक सप्ताह में ही भ्रष्टाचारियो अपराधियों दुराचारियों का अंत हो जायेगा । और लोग गुनाह करने से कापेगे । यह पोस्ट सम्पादक आरसी साहू के द्वारा लिखी गयी है ऊपर वाली ।। जो लोग तेरा मेरा में लगे है वह लोग व कोई भी जो अबैध रूपसे गलत रुपया कमाते है और धन दौलत अर्जित करने में लगे रहते है वह लोग व कोईभी मरने के बाद वह लोग संपत्ति को साथ लेजाते है क्या नही तो फिर क्यों अपराध व गुनाह कर के यह सब करते है वह गलत है ।।

 

और यह नीचे की खबर हमारे उत्तर प्रदेश ब्यूरो चीफ नईम खान जी के द्वारा खबर सूत्रों के आधार पर लिखी गयी है ।।

उत्तर प्रदेश मथुरा आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा. मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते महिला फांसीघर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को मौत की सजा दी जाएगी. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है. निर्भया के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के पवन जल्लाद भी दो बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं. हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं है.

गौरतलब है कि 14 अप्रैल 2008 की रात को हसनपुर के गांव बावनखेड़ी (अमरोहा) में गांव के ही प्रेमी सलीम के साथ मिलकर इकलौती बेटी शबनम ने
अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी जिसमें एक नाबालिग बच्चा भी थि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी  राष्ट्रपति जी ने भी सराहनीय कार्य किया है जो उसकी दया याचिका खारिज कर दी है. लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा जैसी करनी वैसी भरनी ।तभी कही अपराधियो पर अंंकुुुश लगेंगे जय हिन्द जय भारत ।

नईम खान
उत्तर प्रदेश ब्यूरो चीफ

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