इटावा सैंफई न्यूरोसाइंस विभाग द्वारा विश्व अल्जाइमर डे मनाया गया
अल्जाइमर होने पर याद्दाश्त कमजोर- प्रो0 रमाकान्त यादव
उत्तर प्रदेश इटावा सैफई 23 सितम्बर (अनिल कुमार पाण्डेय)। उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के न्यूरोसाइंस विभाग द्वारा विश्व अल्जाइमर डे मनाया गया कार्यक्रम की शुरूआत संयुक्त रूप से विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) प्रभात कुमार सिंह, प्रतिकुलपति प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव, संकाय अध्यक्ष डा0 पीके जैन, चिकित्सा अधीक्षक डा0 एसपी सिंह, न्यूरोसर्जरी विभाग से डा0 मोहम्मद फहीम, डा0 हनुमान प्रसाद, ने की। इस अवसर पर न्यूरोसाइंस विभाग द्वारा इस वर्ष के विषय नो डिमेंसिया नो अल्जाइमरस् विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। कार्यशाला को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 प्रभात कुमार सिंह के अतिरिक्त प्रतिकुलपति एवं न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव एवं वरिष्ठ फैकेल्टी मेम्बरस् ने संबोधित किया। कार्यशाला में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकेल्टी मेम्बर, चिकित्सा अधिकारी एवं मेडिकल स्टूडेन्ट्स ने भाग लिया। कार्यक्रम में न्यूरोसर्जरी विभाग से सीनियर रेजिडेन्ट डा0 अनुराग ने अल्जाइमर विषय पर एक प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया इस अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि आजकल के तनाव और चिंता भरी लाइफस्टाइल के चलते अल्जाइमर कम उम्र के लोगों को भी होने लगा है। उन्होंने कहा कि अल्जाइमर तनाव और डिप्रेशन के चलते घातक रूप ले सकता है। सिर की चोट, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग और जेनेटिक वजहों से अल्जाइमर की बीमारी हो सकती है।
प्रतिकुलपति प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव ने कहा कि अल्जाइमर होने पर याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। शुरू में अक्सर कमजोर याद्दाश्त को हम सामान्य सा भूलना मान लेते हैं और इसके लक्षणों को नजरअंदाज करने लगते हैं। अल्जाइमर की वजह से आगे चलकर व्यक्ति पूरी तरह से याद्दाश्त खो सकता है। इसलिए इसके लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए बल्कि शुरूआती समय में ही इस ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होेंने कहा कि अल्जाइमर होने पर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिसमें याद्दाश्त कमजोर होना, शक्ल पहचानने में दिक्कत, रास्ता भूल जाना तथा कमजोरी आदि प्रमुख है
रामकुमार राजपूत
सह स्टेट ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश