उत्तर प्रदेश जनपद मेरठ समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर रामपुर जिला प्रशासन के बुलडोजर से की जा रही खुदाई के दौरान वर्षों से

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उत्तर प्रदेश जनपद मेरठ समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर रामपुर जिला प्रशासन के बुलडोजर से की जा रही खुदाई के दौरान वर्षों स गायब सरकारी सफाई मशीन मिली है. बताया जा रहा है कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के समर्थकों की निशानदेही पर पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी से खुदाई के बाद नगर पालिका रामपुर की सफाई करने वाली मशीन बरामद की है.
वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस से मशीन बरामद होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में पुलिस आजम खान, अब्दुल्ला आजम सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. गौरतलब है कि सपा सरकार में सफाई करने के लिए करोड़ों रुपये की मशीन नगर पालिका रामपुर ने खरीदी थी. जिसका उपयोग नगर पालिका की जगह जौहर यूनिवर्सिटी में किया जा रहा था. वहीं जब 2017 में बीजेपी की सरकार आई और इन मशीनों की खोजबीन हुई तो पता चला कि यह मशीन यूनिवर्सिटी के अंदर काट कर दबा दी गयी हैं. इसी मशीन को सोमवार को पुलिस ने खुदाई के बरामद कर लिया.
जौहर यूनिवर्सिटी में हुई इस कार्रवाई के बारे में बताते हुए एडिशनल एसपी संसार सिंह ने बताया कि जुए के आरोप में दो अभियुक्त पकड़े गए थे, जिसमें एक का नाम सालिम है और दूसरे का अनवार है. यह दोनों आजम के विधायक बेटे अब्दुल्ला के बहुत नजदीकी हैं. इन्होंने पूछताछ पर कई बातों का खुलासा किया था. जिस आधार पर वाकर अली ने कोतवाली में एक मुकदमा पंजीकृत कराया.

मुक़दमे के अनुसार यूपी की सपा सरकार में नगर पालिका ने जमीन सफाई के लिए एक बहुत बड़ी मशीन खरीदी थी, जिसकी कीमत करोड़ों में थी. मशीन का इस्तेमाल आम लोगों की जगह यूनिवर्सिटी में किया जा रहा था. जब नई सरकार बनी तो उस मशीन की खोजबीन हुई. जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन, कुलपति और इनके साथियों ने मिलकर उस मशीन को कटवाकर जमीन में गाड़ दिया. एसपी संसार सिंह ने बताया कि जब इस मुकदमे की विवेचना शुरू हुई तो दोनों जुआरियों सालिम और अनवर ने बताया कि मशीन उन्हीं लोगों ने कटवाई थी और जौहर यूनिवर्सिटी में ही गाड़ दी थी. सालिम और अनवर की निशानदेही पर खुदाई हुई और एक मशीन बरामद हुई है. अभी आगे की कार्रवाई जारी है. अभी कई और राज खुलने बाकी है. ईडी ने भी इनसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की है. अभी हम इनके रिमांड के लिए अप्लाई कर रहे हैं, क्योंकि 24 घंटे में न्यायालय में अभियुक्तों को पेश करना होता है.

सह सम्पादक सुशिल रस्तोगी

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