उत्तर प्रदेश ज.अंबेडकर नगर में हो रही भूमाफियाओं के द्वारा डीएम साहब एक नजर भूमाफियाओं के ऊपर भी डालें डीएम साहब आप लोगों के ही कार्य काल में भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे है ।

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उत्तर प्रदेश ज.अंबेडकर नगर में हो रही भूमाफियाओं के द्वारा डीएम साहब एक नजर भूमाफियाओं के ऊपर भी डालें डीएम साहब आप लोगों के ही कार्य काल में भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे है ।

क्या आप कर्तव्य निष्ठा के साथ हो रहा है खिलवाड़

या फिर भूमाफियाओं को मिल रहा है संरक्षण जनता के मन में उठे बड़े सवालो के जबाब कोन देगा ।

जिले में भू माफियाओं का आतंक बदस्तूर जारी

अम्बेडकरनगर – जिले के तहसील टांडा में भूमाफियाओं का आतंक व्याप्त है। इनका पूरा गैंग है जो साम दाम दंड भेद के द्वारा भोले भाले लोगों की जमीन हड़पते हैं। मोहल्ला हयतगंज चौक के भूमाफिया के हौसले बुलंद हैं। सरकारी महकमे — राजस्व विभाग,नगरपालिका व पुलिस तथा सत्ता पक्ष के नेताओं को अपने धन बल से मिलाकर बेखौफ तहसील में व लेखपाल आदि कर्मचारियों तथा पुलिस विभाग में जमीन की खरीद बिक्री के संबंध में ये लोग देखे जा सकते हैं। इनके ऊपर किसी भी अदालत या राजस्व विभाग के अधिकारियों का कोई भी आदेश मायने नही रखता है जबकि इन भूमाफियाओं के पास कोई भी प्रॉपर्टी डीलर का लाइसेंस नहीं है।
जमीन की खरीद फरोख्त करके अवैध धन कमाने का जूनून इन भूमाफियाओं को इतना ज्यादा है की इनके अंदर पागलपन की हद तक घर कर गया है। ये बजार की कीमत से आधे दाम में खरीदकर दुगने तिगने दाम में प्रॉपर्टी बेचते हैं। सरकारी विभाग वाले इनका काम धन बल की वजह से तुरंत कर देते हैं परंतु पीड़ित पक्ष वैधानिक होता है इसलिए वह धन खर्च करने में असमर्थ होता है।
कर्मचारियों के पास दौड़ता रहता है व उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देता रहता है।उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से ही रिपोर्ट मंगवाते हैं।कर्मचारी भूमाफियाओं के पक्ष में रिपोर्ट देकर भूमाफियाओं का हौसला बुलंद करता है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करने के बाद भी झूठी रिपोर्ट लगाकर शिकायतकर्ता का काम नहीं होने देते हैं क्योंकि भूमाफिया धन बल व सत्ता पक्ष के साथ पहले से ही संपर्क में रहता है। पीड़ित दिन भर तहसील थाना व कर्मचारियों के क्वार्टरों पर घूमता रहता है, परंतु उसको हमेशा टका सा जवाब मिलता है कि अभी हमारे पास बहुत काम है, बाद में संपर्क करिएगा। इस तरह महीनों,वर्षों बीत जाते हैं, इस बीच पीड़ित की भूमि सबकी मिलीभगत से कूटराचित दस्तावेज बनाकर बैनामा हो जाती है व बैनामेदार कब्जा करके मकान बना लेता है।
पीड़ित बस हसी का पात्र बनकर रह जाता है। उसकी जमीन की चोरी करने वाले लोग अवैध धन कमाकर सीना चौड़ा करके बेखौफ घूमते रहते हैं।

मोहिनी शर्मा सह सम्पादिका

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