उत्तर प्रदेश ज. मेनपुरी के सांतिर अपराधियों ने 63वर्षिये बुजुर्ग को 4वर्ष 4माह के बाद छुड़ापाए छोटे भाई अनिल कुमार दुबे की मेहनत रंग लाई बहुत मेहनत के बाद अपने भाई को मुक्त करा पाए और ।

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उत्तर प्रदेश जनपद मैनपुरी मैं 13,2,2018में भागवत कथा कराने वाले परिवार के लोगो के द्वारा वह क्रत किया के जो कोई सोच भी नही सकता है।और उसके बाद में यादुवीर प्रसाद दुबे पुत्र जगन्नाथ वाह सुनील कुमार विमल कुमार संजीव कुमार पुत्र रघुवीर सहाय दुबे एवं उनके सहयोगी मनोज कश्यप पुत्र रामसेवक राधा मोहन पुत्र श्री कहार ग्राम दुर्जनपुर थाना बेवर तहसील भोगांव जिला मैनपुरी के द्वारा नरेंद्र नाथ दुबे कंगन को बंदर बनाया गया यह सभी नाम दर्जनों के द्वारा एवं नरेंद्र नाथ दुबे को जो 62 वर्ष से ऊपर हैं उनको यह नाम दर्ज और लोगों के द्वारा यदुवीर प्रसाद हैं उनकी बिटिया धमाल सीहोर में रहते हैं मध्य प्रदेश जहां पर यह दोनों डॉक्टर हैं जिनके मुताबिक नरेंद्र नाथ के लिए कुछ ऐसी दवाएं दी गई कि जिससे धीरे-धीरे करके नरेंद्र नाथ दुबे का शरीर टूटने लगा और वह आज मरणासन्न हालत में है वह तो ईश्वर की कृपा कहिए अनिल कुमार दुबे उर्फ गुड्डू जो नरेंद्र दुबे के छोटे भाई हैं जिनको 2018 से ही पता था और उसी टाइम से उसी समय से रेगुलर प्रशासन को पत्र व्यवहार करके एवं एवं थानों पर डीजीपी डीजीपी डीआईजी एसपीडीएम सबके पास दौड़ते दौड़ते चप्पल पर सभी प्रशासन के आला अधिकारी कुंभकरण नींद में सोते रहे और आज 4 साल 4 महीने बाद अनिल दुबे को सफलता हासिल हुई और आखिरकार वह है नौशाद 2022 में पुलिस की मदद से अपने बड़े भाई नरेंद्र दुबे कंगन को वह सब नाम दर्ज लोगों लोगों की चंगुल से मुक्त कराने में सफल हुए जब अनिल दुबे ने अपने बड़े भाई की मरणासन्न हालत में उनके घर से बरामदे की कढ़ाई तब वह हक्के बक्के रह गए और तुरंत ही कानपुर में डॉक्टरों को दिखाया जिन डॉक्टरों ने चेकअप करने के बाद यह बताया कि इनको कुछ ऐसी दवाइयां दी गई हैं जिसके चलते इनको तिल तिल करके मारा जा रहा था और यह कुछ दिनों के और मेहमान थे और अगर आप इस समय निकालकर नहीं लाते तो मर जाते मृत्यु हो जाती जिनकी आज अनिल दुबे और उनकी धर्मपत्नी अपने बड़े भाई की सेवा में लगे हुए हैं जबकि यदुवीर प्रसाद दुबे और उनके सभी सहयोगी होने नरेंद्र नाथ दुबे की चार लाख करीब का बीमा की धनराशि डकार गए एवं 10 बीघा जमीन पर 391000 का केसीसी कार्ड के द्वारा धन निकाल लिया गया और वह भी डकार गए इसके बावजूद अनिल बताया कि हमारे बड़े भाई की सारी संपत्ति को यह लोग डकार गए और आज स्लो प्वाइजन देकर हमारे भाई की हत्या कराने में करने में लगे हुए थे जबकि जिस समय से 2018 से आज 97 2022 तक के बीच में जो केसीसी कार्ड से धन राशि निकाली गई है वह है जबकि 10 बीघा में तीन लाख 18 हजार नहीं निकाला जा सकता था और मजे की बात 2018 से आज तक की डेट में कोई भी इंतजार का कोई भी जमा नहीं किया गया जिसकी आज धनराशि 5 लाख 94 हजार हो चुकी है और बैंक कर्मचारी एवं प्रशासनिक अधिकारी गांधीजी के तीन बंदर बने हुए हैं जबकि अनिल दुबे रेगुलर अपने भाई को उनकी संपत्ति को बचाने में अपनी जेब से हजारों रुपए लिखा पढ़ी में कानूनी कार्रवाई में लगा चुके हैं जबकि जो कहावत है कि कानून अंधा है वह है आज सामने आ चुका है कि उत्तर प्रदेश सरकार भी मूकदर्शक बनी बैठी हुई है और ऐसे अपराधियों पर कोई भी फोर्स कानूनी कार्रवाई नहीं कर रही है जबकि पुलिस प्रशासन अनिल दुबे के ऊपर कार्रवाई रोकने के लिए कई बार दबाव बना चुके हैं और बंद करने की हल्की भी दे चुके हैं और अनिल दुबे के ऊपर कब क्या कानून का शिकंजा कसा जाए जबकि अनिल दुबे न्याय की गुहार लगाते लगाते 2018 से 2022 आ गई है फिर भी उनको न्याय नहीं मिला है भ्रष्टाचार के चलते पुलिसथ प्रशासन उल्टा दबाव बना रही है और उल्टा उनको झूठे केस में फंसाने का प्रयास कर रही है देखना है कि सत्य की होती है या असत्य का पलड़ा भारी पड़ता है यह खबर के बाद अब बहुत ही जल्दी नया अपडेट अनिल के दुबे के द्वारा उनके परिवार के द्वारा और नई वीडियो देखने को मिलेग9 जुलाई २०२२ को जब मुझे पता चला की मेरे भाई नरेंद्र नाथ दुबे पुत्र रमा शंकर दुबे राधा मोहन कहार के घर में हे तो ११२ पर फोन से पुलिस बुलाई तब मिलने दिया पुलिस ने थाने भेजा बहा थाना दिवस S H O बेवर ने कहा तुम घर जाओ तुम्हारे पहुंचने से पहले पुलिस पहुंचे जायेगी मेने १० b ११ जुलाई को इंतजार किया कोई नही आया तब में श्रीमान जिलाधिकारी महोदय मैनपुरी  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मैनपुरी के पास भाई को लेकर गए आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई सभी को आई जी आगरा,परिक्षेत्र आगरा,अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन आगरा , मुख्यमत्री महोदय लखनऊ  पुलिस महानिदेशक जालखनऊ, राष्ट्रीय मानवाधिकार नई दिल्ली,जब कही सुनवाई नही हुई तब १५६/३ में न्यायालय मैनपुरी में डाला जिसकी थाना बेवर से रिपोर्ट मांगी गई थी रिपोर्ट न भेज कर यदुवीर प्रसाद को फोन करके यदुवीर को बता दिया और यदुवीर ने बाहर से सीढ़ी लगाकर तले तोड़ कर मेरा सामान निकाल लिया जिसमे साथ राधा मोहन कहार, ब मनोज कहार ने दिया, ऐसे पहले ६ सितंबर को भी मनोज,राधा मोहन,रामसेवक ने चोरी की उसकी भी सभी जगह शिकायत की कोई सुनवाई नही हुई हम अपने भाई का इलाज करा रहे कानपुर में उधर चौकी प्रभारी रिकेस शर्मा, S H O बेवर ब पुलिस C O भोगांव मेरे भाई की जमीन पर कब्जा करा रहे मोटी रकम लेकर

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