उत्तर प्रदेश ज. ललितपुर आज श्री सिद्ध पीठ सीता पाठ एवं चंडी माता मंदिर पर भव्य रूप से मनाया गया महाशिवरात्रि पर्व सुबह प्रातः काल 5 बजे से 12 बजे तक भोले बाबा का रुद्राभिषेक किया गया और भोलेबाबा की बरात निकाली गयी और । ।

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उत्तर प्रदेश ललितपुर आज श्री सिद्ध पीठ सीता पाठ हजारिया महादेव पर सुबह से ही भक्तों का ताता लगा रहा और देर रात्रि तक भक्त गड़ो के द्वारा हजारिया महादेव जी का शिव अभिषेक किया गया है और श्री सिद्ध पीठ चंडी माता मंदिर पर भव्य रूप से मनाया गया महाशिवरात्रि पर्व सुबह प्रातः काल 5 बजे से 12 बजे तक भोले बाबा का रुद्राभिषेक किया गया । तथा शाम के 5 बजे भोले बाबा की भव्य बारात निकाली गई, भोले बाबा की बारात का श्री सिद्ध पीठ चंडी माता मंदिर से उठ कर पूरे मंदिर की परिक्रमा कर रेलवे स्टेशन,स्टेशन चौराहा,कृष्ण टॉकीज सूचना केंद्र से होते हुए मंदिर पर वापिस आई मंदिर पर भोले बाबा जी की शादी कराई गई।श्री सिद्ध पीठ चंडी माता मंदिर के गुरु जी के शिष्य हीरानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की यह बात तो जगतप्रसिद्ध है कि- ब्रह्मांड का कंकर-कंकर, शंकर है, जो भयंकर भी है और दयालु भी। शिव का अर्थ है- ई+शव=ईश्वर निराकार ओर शव साकार। यदि ई शब्द हटा दे तो केवल शव बचता है ओर पंचमहाभूतों यानी तत्वों में मिल जाता है। भोलेनाथ जगत की आत्मा और धड़कन है।
शिव ही सब शरीरों में रम रहा है।
महान महर्षियों की महानता….
सप्त ब्रह्मर्षि देवर्षि, महर्षि, परमर्षय:।
कण्डर्षिश्च श्रुतर्षिश्च राजर्षिश्च क्रमावश:।।
अर्थात – ¶~ ब्रह्मर्षि, ¶~ देवर्षि, ¶~महर्षि, ¶~ परमर्षि, ¶~ काण्डर्षि, ¶~ श्रुतर्षि और ¶~ राजर्षि। वैदिक काल में ये 7 प्रकार के ऋषिगण होते थे।
सभी सप्तऋषि भोलेनाथ के कठोर उपासक थे। इन सात ऋषियों ने भोलेनाथ के अलग-अलग 1008 नाम लिखे। ऐसे महादेव के कुल नाम 90000 हजार से भी ज्यादा उपलब्ध ग्रन्थ-शास्त्रमत हैं। दुनिया को बस इतना ज्ञात है कि- शिव सहस्त्रनामावली में भोलेनाथ के केवल1008 नाम हैं। श्री सिद्ध पीठ चंडी माता मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित प्रकाश जी महाराज ने कहा कि शिव ही सब, शिव ही शून्य हैं- सृष्टि में सदियों से सभी आत्माओं की शिव से शव और शव से शिव बनने के प्रक्रिया निरन्तर चलायमान है। संसार जिन्हें महादेव शिव नाम से जानता, समझता वही सब दुःख-सुख का कर्ता-धर्ता है। शिव ही वो गर्भ हैं जिसमें से सब कुछ जन्म लेता है, और वही वो गुमनामी हैं, जिनमें सब कुछ फिर से समा जाता है। सृष्टि में सब कुछ शिव से आता है, और फिर से शिव में चला जाता है। प्रकाश जी महाराज ने कहा कि
एक अंगूठा, चार उंगलियां,
सब झूठा, सत्य नाम है शंकर।
वृक्ष में बीज, बीज में बूटा,
सब झूठा सत्य नाम है शंकर।इस दौरानअनूप मोदी, गोलू पुरोहित,दिनेश पाठक,लखन यादव,शत्रुघ्न यादव,राहुल शुक्ला,प्रदीप शर्मा,संतोष साहू,जग्गी शर्मा,कल्याण दाऊ,अवधेश शर्मा,चिंटू तिवारी,आदित्य द्विवेदी,मुकुल शर्मा आर्यन पाठक,आशु चौबे,राहुल पुरोहित,आयुष पाठक,वेदप्रकाश लिटोरिया,चंद्रेश गोस्वामी,दीपक यादव,शंभाजी राजा,आयुष पाठक,बुलेट राजा,प्रेम लालवानी,मनीष झा,अंतिम सेन,दीपेश झा,अनिल साहू,
संवाददाता सुरेंद्र सपेरा ललितपुर

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