उत्तर प्रदेश ललितपुर में फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल ने आज 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी को सम्बंधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को दिया जिसमें बताया कि जनवरी 2022 से परिधान और फुटवियर पर GST- 5%से 12%किए जाने के विरोध में किया और ।

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उत्तर प्रदेश ललितपुर फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल ने आज 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी को सम्बंधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को दिया जिसमें बताया कि जनवरी 2022 से परिधान और फुटवियर पर GST- 5%से 12%किए जाने के विरोध में
आपके कुशल एवं दूरदर्शी नेतृत्व में राष्ट्र आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है दिन दूर नहीं जब देश 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के साथ विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा। अतः आत्म निर्भरता इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कानून का सरल एवं सहज होना अति आवश्यक है । आपकी सरकार के द्वारा कारोबारी सुगमता लाने के लिए कानूनों में शुरू से ही संरचनात्मक परिवर्तन किया जाता रहा है, फलस्वरूप राजस्व संग्रह के निर्धारित लक्ष्य प्राप्त होने लगे हैं ।
वर्तमान में कोविड महामारी कारण व्यापारिक विषमताओं का सामना करते हुए भी कई माह से जीएसटी का मासिक कर संग्रह एक लाख करोड़ व उससे भी अधिक निरंतर आ रहा है जो कि राष्ट्रहित में एक सुखद व सफल कर कानून को दर्शाता है ,जिसमें उद्योग एवं व्यापार जगत का पूर्ण समर्थन शामिल है । जिसकी वजह से कर संग्रह में उच्चतम सीमा का लक्ष्य प्राप्त किया ।

हाल ही में माननीया वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई 45 में जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में ₹1000 तक की रेडीमेड वस्त्रों एवं फुटवियर की दरों में परिवर्तन करते हुए 1 जनवरी 2022 से 5% से बढ़ाकर 12% करने का कानून बनाया गया है ,इस जीएसटी की दरों मैं परिवर्तन से खुदरा एवं थोक विक्रेताओं के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जिससे व्यापार पहले से ही खराब है वह और भी कमजोर हो जाएगा ।
मान्यवर प्रधानमंत्री जी इस कोरोना महामारी के चलते लाँकडाउन की मार सबसे ज्यादा छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारियों व जनता को फर्क पड़ा है । आपको यह उल्लेख करना भी बेमानी नहीं होगा कि देश की आबादी का एक बहुत बड़ा वर्ग इसी श्रेणी के परिधान व फुटवियर खरीदता है ,जबकि 2 वर्ष पूर्व इस व्यवसाय में जीएसटी की विषमताओं एवं कठिनाइयों को देखते हुए इन्हीं वस्तुओं पर टैक्स की दरों में 12 व 18 से घटाकर 5% किया गया था , उपरोक्त निर्णय के फलस्वरुप कर संग्रह और बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई थी व कई कंपनियों को बाध्य होकर ₹1000 तक की एमआरपी (MRP)श्रृंखला में उत्पाद पेश करने हेतु मजबूर होना पड़ा था ,फलस्वरूप दी गई कर छूट से सरकार , निर्माता , व्यापारी एवं जनता जनार्दन अत्यंत अत्याधिक लाभान्वित हुई थी ।

विडंबना यह है की कि जो निर्णय 2 वर्ष पूर्व व्यापारियों को और जनता जनार्दन को सुगमता प्रदान करने के लिए दिया गया था वह अचानक पूर्ववर्ती टैक्स की दरों पर पहुंचा दिया गया ,जोकि देश के सारे निर्माता ,व्यापारी एवं जनता जनार्दन के लिए अत्यंत कष्टकारी है ।

जीएसटी परिषद में टैक्स पुनर्गठन की आड़ में जो 1 जनवरी 2022 से परिधानों एवं फुटवियर की दरों में वृद्धि का निर्णय किया है जोकि पूर्णतः अनैतिक ,अव्यवहारिक एवं अविवेकपूर्ण है ।

सबसे बड़ी विडंबना है कि इस कानून के लागू होने के बाद व्यापारियों को 1 जनवरी 2022 तक बिना बिके बचे हुए अंतिम स्टॉक पर अपने पास से जीएसटी की परिवर्तित दरों का अधिक भुगतान करना होगा ,जोकि कही से भी न्यायसंगत नही है । फेम इस तरह की बढ़ोतरी का कड़ा विरोध करता है और आपसे अनुरोध करते हैं कि इस तरह की अव्यवहारिक कर बढ़ोतरी का फैसला वापिस लिया जाए ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष सुमित अग्रवाल, दीपक जैन आस्था, निहाल सेन, रोशन, धर्मवीर, दीपक सोनी, अभय चौबे, सौरभ जैन, फूलचंद राय, कृष्णकांत सोनी, भोले सोनी, आरिफ खान, ऋषि बबेले, करीम पप्पू, बृजेश ताम्रकार, राजेश कुमार, विकास सोनी, अभिषेक सोनी, जमुना प्रसाद, मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद अमजद, प्रदीप साहू आदि मौजूद रहे
रिपोर्टर सुरेंद्र सपेरा ।

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