अस्पताल मुख्यालय में नही रहते डॉक्टर झोलाछाप डाक्टरो की चांदी ।। घुवारा// भगवॉ ।। विकास खण्ड अंतर्गत भगवां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुख्यालय में पदस्थ दो डॉक्टरों में से कोई भी डॉक्टर अस्पताल मुख्यालय में नही रहता जिससे रात्रि में मरीजो को बीमारी के चलते जिंदगी को दांव पर लगाकर इलाज हेतु मजबूरन झोला छाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है और इलाज के नाम पर दवाओं के ओने पौने दाम चुकाने पड़ते है । पिछले दिनों रामटोरिया में भी डॉक्टरों के नदारद रहने की वजह अस्पताल में ताला जड़ा था जिससे महिला का प्रसव अस्पताल के दरवाजे पर हो गया था और महिला की जान पर बन आयी थी जिससे स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी हुई थी । प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात भगवां निवासी रमेश लोधी, मुन्ना पाल हरीनगर, मुन्नी लाल सेन पेट दर्द चक्कर उल्टी की बीमारी से ग्रस्त इलाज कराने भगवा आरोग्यम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगवां में इलाज कराने आये तो वहाँ सिर्फ स्टॉफ नर्स व महिला स्वीपर ही ड्यूटी पर मिली जबकि दो डॉक्टरों डॉ मोहित राजपूत डॉ विकेश असाटी में से एक भी डॉक्टर ड्यूटी पर नही मिला जिससे उन्हें झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ा साथ ही अस्पताल परिसर में सी सी टीव्ही कैमरे भी नही लगाए गए है ऐसे में महिला मरीजो व ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मियों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे चल रही है ।
(सप्ताह में दो दिन ही आते है डॉक्टर )
ग्रामीणों का आरोप है उक्त दोनों डॉक्टर सप्ताह में दो ही दिन आते है और हाजिरी रजिस्टर में हाजिरी भरकर दोपहर एक बजे रजिस्टर लेकर निकल जाते है ।
(जिला स्वास्थ्य अधिकारी है मेहरबान डाक्टरो पर)
डॉक्टरों की इस लापरवाही की जानकारी जब खबर नवीसों ने रात्रि में ही मोबाइल से जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पथोरिया को दी तो उन्होंने कहा उनके पास डॉक्टरों की व्यवस्था नही है वह सिर्फ सुबह नो बजे से चार बजे तक ही डॉक्टर भगवां में उपलब्ध करा पाएंगे और फिर बात पलटते हुए चार की जगह आठ बजे का समय बताते हुए कहा जो भी जो लोग रात्रि में बीमार होते है वह बड़ामलहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इलाज कराए । ऐसे में भगवा ग्राम सहित आस पास के क्षेत्रवासियों में स्वास्थ्य असुविधा को लेकर गहरा असन्तोष है जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष पवन जैन निवासी भगवां ने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री को शिकायती पत्र लिख कर बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से निजात दिलाने हेतु डाक्टरो को अस्पताल मुख्यालय में रहने की मांग की है ।