उत्तर प्रदेश आगरा पिनाहट में जान जोखिम में डाल दल दल से होकर चंबल नदी पार कर रहे यात्री प्रशासन बेखबर
स्टीमर संचालक व ठेकेदार की घोर लापरवाही स्टीमर तक पहुंचने के दौरान दल दल में फंसी महिला हाथ गिरा बच्चा मची चीख पुकार पिनाहट पिनाहट चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ के चलते चंबल नदी के किनारे कीचड व दलदल हो गया है कीचड़ और दलदल होने के चलते पिनाहट चंबल घाट पर यात्रियों को चंबल नदी में यात्रियों को पार करने के लिए खडे स्टीमर तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर गहरे दल दल से होकर स्टीमर तक पहुंच रहे हैं।वहीं ग्रामीणों की मानें तो ठेकेदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार की दबंगई व गुंडई के चलते कोई कोई भी यात्री कुछ भी बोलने को तैयार नहीं होता हैं ग्रामीणों का आरोप है कि यात्रियों के कहने के बावजूद भी दबंग ठेकेदार स्टीमर को पिनाहट घाट पर बने शिव मंदिर पर न लगाकर चंबल नदी में आयी भयंकर बाढ़ के चलते किनारे बने दलदल में लगाता है जिसके चलते ग्रामीण स्टीमर तक पहुंचने के दौरान कई बार दलदल में पैर फिसलने व दलदल में घुसने पर चोटिल हो जाते हैं।जिसके चलते यात्रियों में ठेकेदार व स्टीमर संचालकों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है आपको बता दें कि पिनाहट घाट पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की यात्रियों के आवागमन के लिए आठ माह तक पैंटून पुल का संचालन होता है शेष बरसात के चार माह के लिए स्टीमर का संचालन होता है और स्टीमर के द्वारा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के यात्रियों को निशुल्क चंबल नदी पार कराई जाती है और चंबल नदी में खड़े स्टीमर तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर दल दल से होकर स्टीमर तक पहुंचना पड़ रहा है। यह भी किसी खतरे से खाली नहीं है क्योंकि चंबल नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ और घड़ियाल हैं पानी व दलदल में घुसने के दौरान कभी भी किसी भी ग्रामीण को अपना शिकार बना सकते हैं शनिवार को उत्तर प्रदेश की सीमा से मध्य प्रदेश जा रही एक महिला स्टीमर तक पहुंचने के दौरानचंबल नदी के किनारे बने दलदल में फंस गयी।और उसके हाथ से दो साल का मासूम व बैग नीचे गिर गया जिस पर महिला की चीख निकल गयी चीख पुकार की आवाज सुन पास खड़े युवक ने बिना देर किये दो साल के बच्चे को गोद में उठा लिया मां और बेटे दोनों के कपड़े कीचड़ और दल दल के चलते गंदे हों गये स्टीमर पर चढ़ने के लिए ठेकेदार व संचालकों द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है यात्री दलदल में कमर तक घुस रहे हैं कई बार दलदल में फंसने के दौरान अपनी जान को जोखिम में डाल चुके हैं। वही स्टीमर संचालकों की बड़ी लापरवाही से प्रशासन भी बेखबर है।कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है
तपेंद्र सिंह राजपूत ब्यूरो चीफ आगरा