इटावा सैंफई यूपीयूएमएस में डा0 भीम राव अम्बेडकर की 130वीं जयन्ती मनाई गई
इटावा सैंफई बाबा साहेब ने समाज के वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए संर्घष किया- प्रो0 राजकुमार
इटावा सैफई 14 अप्रैल। (अनिल कुमार पाण्डेय) उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में भारत रत्न बोधिसत्व डाॅ भीम राव अम्बेडकर की 130 वीं जयंती कोविड-19 प्रोटोकाॅल एवं गाइडलाइन का अनुसरण करते हुए मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) राजकुमार ने किया। कार्यक्रम में प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव, संकायाध्यक्ष डा0 आलोक कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा, फैकेल्टी मेम्बरस् तथा विश्वविद्यालयकर्मियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य विषय भारत रत्न बोधिसत्व डाॅ भीम राव अम्बेडकर एवं सामाजिक समरसता रहा।
कार्यशाला में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) राजकुमार ने कहा कि डाॅ भीमराव अम्बेडकर एक अद्वितीय विद्वान तथा विधिवेत्ता थे। जब भारत आजाद हुआ तो आजादी के बाद बनी पहली कैबिनेट में उन्होंने कानून मंत्री के रूप में देश की सेवा की। उनकी विद्वता के आधार पर ही 29 अगस्त 1947 को डाॅ अम्बेडकर को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनी संविधान मासौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। उन्होंने बताया कि डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान निर्माता के साथ ही एक सच्चे देशभक्त महापुरूष के रूप में सदा आदर से स्मरण किया जाता रहेगा। उन्होंने समाज के वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए पूरे जीवन संर्घष किया। डाॅ अम्बेडकर जन्म से ही प्रतिभा सम्पन्न थे तथा देशभक्ति उनमें कूट-कूट कर भरी थी। आभाव में जीवन यापन करने के बाद भी बाबा साहेब ने उच्च शिक्षा हासिल की तथा देश के प्रति अपनी सामाजिक एवं राजनैतिक जिम्मेदारियों को बखूबी पूरा किया।
फोटो परिचय-
01 एवं 02- बाबा साहेब के चित्र पर माल्यार्पण करते कुलपति प्रो0 राजकुमार।
03 एवं 04- डा0 भीम राव अम्बेडकर की 130वीं जयन्ती पर बोलते कुलपति प्रो0 राजकुमार।
रामकुमार राजपूत
सह स्टेट ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश