उत्तर प्रदेश कानपुर थाना चौबेपुर के ग्राम विकरू में घात लगाकर पुलिस कर्मियों को किया शहीद और कई लोग हुए घायल

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कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मां ने पुलिस से क्या कहा पुलिस सुनकर रहगयी दंग।।

कुख्यात बदमाश विकास दुबे पुत्र रामकुमार दुबे से जुड़ी खबर विकास की मां ने बोला के हम लोग शुरूसे ही इसको अपराध करने से रोकते आ रहे है पर वह नहीं मानता है हम लौगो कि बात साबह हमे कोईभी लेना देना नहीं है विकास से यह लखनऊ में जब पुलिस टीमे पहुंची तब वोला और कहा इस अपराधी ने तो हम लोगो को बदनाम कर रख्खा है हम लोग किसी से बात भी नही करपाते है शर उठाकर के यह तो होते ही मरजाता तो ठीक रहता साबह जी यह हमारे घर में आप देख सकते है और पड़ोसियों से भी पूछताछ कर सकते है के हम लोग इहा पर कितने दिनो से रह रहे है और विकास इहा पर नही आया है कहते हुए रोपड़ी बुड्ढी मां ओर पुलिस ने सर्चिंग करने के बाद चली गयी थी।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जघन्य आपराधिक इतिहास रहा है. बचपन से ही वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था. पहले उसने गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्याएं करने लगा. 19 साल पहले उसने थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की और इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री लेने की कोशिश की थी. लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. विकास कई बार गिरफ्तार हुआ, एक बार तो लखनऊ में एसटीएफ ने उसे दबोचा था.

कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव का निवासी विकास के बारे में बताया जाता है कि उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है. इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है. जानकारी के अनुसार, कानपुर में एक रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में इसको उम्र कैद हुई थी.

कहलाता था शिवली का डॉन

यही नहीं पंचायत और निकाय चुनावों में इसने कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए. 2001 में विकास दुबे ने बीजेपी सरकार में एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को थाने के अंदर घुसकर गोलियों से भून डाला था. इस हाई-प्रोफाइल मर्डर के बाद शिवली के डॉन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया.

नगर पंचायत चुनाव जीता

इसके बाद इसने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गया था. जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं. पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था. हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही थी.

लखनऊ में एसटीफ ने पकड़ा था

विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए लखनऊ स्थित अपने कृष्णा नगर के घर पर छिपा हुआ था. शासन ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए लखनऊ एसटीएफ को लगाया था. कुछ समय पहले ही एसटीएफ ने उसे कृष्णा नगर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अब एक बार फिर जेल से निकलने के बाद बड़ी घटना को अंजाम दिया है।

लखनऊ

यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का बयान

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था, पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई थी- DGP

जेसीबी को वहां लगा दिया गया जिससे हमारे वाहन बाधित हो गए। फोर्स के उतरने पर अपराधियों ने गोलियां चलाईं- DGP

जवाबी फायरिंग हुई लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे, इसलिए हमारे 8 लोगों की मौत हो गई- DGP

हमारे लगभग 7 आदमी घायल हो गए। ऑपरेशन अभी भी जारी है – DGP

आईजी, एडीजी, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए वहां भेजा गया है- DGP

कानपुर से फॉरेंसिक टीम मौके पर थी, लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम भी भेजी जा रही है- DGP

एसटीएफ को तैनात किया गया है। आईजी- एसटीएफ मौके पर पहुंच रहे हैं- DGP

कानपुर एसटीएफ पहले से ही काम पर है। बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चल रहा है-DGP

यह उस ऑपरेशन के सिलसिले में जारी है जिसके लिए टीम पहले स्थान पर गई थी- DGP

रिपोर्टिग , अपर्णा अभिजीत

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