उत्तर प्रदेश जनपद हाथरस में हुई अंधबिश्वास के चलते हुई 132मृत्युऐ कराने वाला आज तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की ग्रफ्त से बाहर ।और मुख्यमंत्री ने की घोषणा ।

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उत्तर प्रदेश जनपद हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलराई मुगलगढ़ी जी टी रोड के आजूबाजू खुले आसमान व खुले मैदान में सत्संग के नाम पर पाखंड कारियो के द्वारा भीगड़ एकृत की गयी थी अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए जो 2,7,2024 को जहापर कार्यक्रम की सूचना ढ़ोंगी पाखंडी कहलाने बाले जगत गुरू साकार विश्वहरि भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल के अगवानी करने बाले मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पुत्र रामसिंह निवासी न्यू कालोनी दमदपुरा कस्बा व थाना सिकन्दराराऊ जनपद हाथरस के द्वार जिला प्रशासन से 80 हजार लोगो कि अनुमति मागी गयी थी जिसमें जिला प्रशासन ने उनत्तर पुलिस वाले और चार ट्रैफिक वालो को जिम्मेदारी निभा रहे थे उसी बीच में जबकि ढ़ाईलाख जनता से अधिक फिर कैसे पहुंची फुलराई मुगलगढ़ी के माध्य जी टी रोड के आजूबाजू खेतो में व कुछ खुली मैदान में सतसंग के नाम पर औरतो बच्चो और लोगो का जमावड़ा लगाया गया था जहापर कार्यक्रम के बाद में यह बोला गया की जो लोग साकार विश्वहरि भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के जो कदमो कि रज व फूलो को माथे से लगाने से जीवन का उद्धार हो जाएगा तब जैसे ही वह पाखंडी उठकर चला तब लोगो में होड़ मच गयी रज व फूलो को उठाने की और उसी में अचानक धक्का मुक्की होने लगी जिसके चलते भगदड़ मच गयी और 121 लोग मृतक बताए गये थे उस समय जो अब मृतको कि संख्या जांच टीम एस आई टी के द्वारा 132 लोगो कि सूची तैयार की गयी है और इस मामले में आगरा आई जी के नेतृत्व में एक टीम का गठन हुआ जिसमें सुरक्षा गार्डों एवं सेवा दारो कि अरेस्टिंग व पूछताछ के लिए बनाई गयी है जो वह अपनी जिम्मेदारी निभाते हुये अपना काम करने में लगी हुई हैं और जो इस घटनाक्रम में घायलों को एक एक लाख रुपया एवं मृतको के लिए चार चार लाख रुपया देने की घोषणा की गई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज के द्वारा और यह सूरजपाल सिंह जाटव एटा का रहने वाला है और यह तीन भाई है यह सूरजपाल उर्फ साकार विश्वहरि भोलेबाबा बड़ा है यह और इससे छोटे भाई का नाम है रामप्रसाद जिसकी मृत्यु हो चुकी है और तीसरे नंबर का भाई राकेश है जो गांव में घर पर रहकर के खेती करता है जो यह कासगंज पटयाली के रहनेवाला है और यह 17 वर्ष पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर के वाद से ही अपना नाम साकार विश्वहरि भोले बाबा बन गया और अपने आपको जगतगुरु कहलवाने लगा और यह ने मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश राजस्थान इसके अनुयायी है और लोगों से यह बोलता है के मानव सेवा का संदेश देता है ज्यादातर सत्संग में लोगो को यह कहता था के मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है सत्संग में आने से रोग मिट जाते है और मन शुध्द होता हैं और इहा पर कोईभी भेदभाव नहीं है और दान नही और कोई पाखंड नहीं है का दावा करता था साकार विश्वहरि भोलेबाबा के यही सर्व संभव है यही पर स्वर्ग लोक है और यही पर बृह्मलोक है लोगो को बताता है और स्वयं ही पाखंड कर के लोगो को मार डाला रज व फूलो को मांथे पर लगाने से स्वर्ग में जाने एवं बेड़ापार होजाने का बोला तो कितने लोगों कि जाने चली गयी हैं यह घटना के बाद में लोगो ने बताया की जब जब यह जहापर सत्संग के नाम पर लोगो को इकट्ठा करता हैं वही पर हमेशा कुछ न कुछ बबाल हुआ बताया जाता हैं और यह स्वयं ही सूट बूट में रहता हैं मामी के साथ और लोगो के द्वारा बताया गया है यह और इसकी पत्नी का नाम कटोरी देवी है जबकि इस साकार विश्वहरि भोलेबाबा उर्फ सूरजपाल जाटव को लोगो के द्वारा बताया गया है के यूपी पुलिस में दरोगा,आई बी व एल आई यू से बताया जाता हैं हकीकत क्या है यह एक जांच का बिषय है जो इस बार में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा इस बार अगर ईमानदारी से सही जांचे हुई तो और पुलिस की पकड़ में आने से सभी रहिस्य ओपिन हो जाएंगे रिपोर्टिंग रूबी तोमर बिशेष रिपोर्टर की

 

हाथरस हादसे पर DGP प्रशांत कुमार का बयान

हादसे में 116 लोगों की जान गई।

80 हजार लोगों की अनुमति ली गई थी

सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति।

1 पुरुष, 7 बच्चें, 98 महिलाओं की मौत।

80 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी।
हाथरस पर किसी की नज़र लग गई। गलत वजहों से चर्चा में रहता है।

एक स्वघोषित बाबा। पाखंड के पैरोकारों का जमावड़ा। हाईवे जाम, इलाका जाम। व्यवस्था ठप। भगदड़ मची। कीड़े मकोड़ों की तरह कुचल कर मरी महिलाएं। मासूम बच्चे। बुजुर्ग। सब मारे गए। अब तक 116 है मरने वालों की संख्या लेकिन बढ़ सकती है।

कुछ सवाल हैं जिन्हें पावर और पोजीशन तो चाहिए लेकिन जवाबदेही की बात उन्हे बेहोश कर देती है।

आयोजन की अनुमति गलत दी गई।

सुरक्षा व्यवस्था दोयम दर्जे की थी, मंजूरी कैंसल क्यों नही हुई

व्यवस्था थी 80 हजार की तो 3 लाख लोग कैसे आए

अगर आ गए थे तो पर्याप्त प्रबंध किसको करना था और किसको ये लागू करवाने का दायित्व था

अब हादसा हो गया तो डीएम एसपी राहत बचाव कार्य शुरू कराएगा और उसमें कितना समय लगेगा? समय पर संसाधन मौके पर क्यों नही थे। जिन्हें बचा सकते थे वो कैसे मर गए?

तीन घंटे क्यों लगे मौके पर पर्याप्त राहत बचाव दल के आने में, तब तक लोगों को मरने के लिए छोड़ा

लखनऊ डीजीपी हेडक्वार्टर ने राहत कार्य शुरू करवाने अलग से टीम बनाने में वक्त क्यों लिया
डीजीपी ऑफिस ने घटना पर मानक के मुताबिक तत्काल कदम क्यों नही उठाए।

मीडिया वालों ने पूछना शुरू किया तब बताया की हां ऐसी एक घटना हुई है हम नजर रखे हैं। जबकि वहां पर संसाधन चाहिए थे मदद के। ताकि घायलों को निकाला जा सके।

डीएम और एसपी, कमिश्नर और आईजी साथ में एडीजी। ये सब फील्ड स्टाफ। एक से बढ़कर एक कारीगर हैं इसमें। इनके अतीत और कार्यशैली से वो भी वाकिफ हैं जिन्होंने इन्हे पोस्टिंग दी है। लेकिन जब वो सब जानते हैं इनके हर निकम्मेपन को, तो पोस्टिंग कैसे मिल गई?

जांच कौन किसकी करेगा? कौन किसके खिलाफ रिपोर्ट देगा ? आईएएस आईपीएस सरकार के राजकुमार होते हैं। बलिदान सिपाही का होता है। जैसे एसडीएम, CO और थानेदार। इन्हे ही बलिदान देना है। आईएएस आईपीएस तो गद्दी पर बैठने वाली कौम हैं।

मुख्यमंत्री कह रहे हैं की वो कठोर कार्रवाई करेंगे। लेकिन उनको क्या कार्रवाई करनी है ये सलाह भी वही देंगे जो हुकूमत के “राजकुमार” हैं!

मुआवजा बंटेगा। गुस्सा कम होगा। मीडिया हटेगा। छोटे की बलि चढ़ेगी। बड़े कुछ दिन बाद पुराने धंधे (ट्रांसफर पोस्टिंग ) में लग जायेंगे। बस इतना ही होगा।

लेकिन परिवार के परिवार बिखर गए। किसी का पूरा परिवार साफ हो गया। कोई अकेला रह गया। हे ईश्वर इनके दुखों का कोई अंत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने हाथरस पहुंचकर घटनास्थल का किया भ्रमण।
संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुंच भर्ती मरीजों का जाना हाल।
मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा करने के उपरांत रिजर्व पुलिस लाइन ऑफिस में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की।
रिजर्व पुलिस लाइन में मीडिया प्रतिनिधियों से भी किया संवाद।
दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की ओर से एक लाख रूपये तथा मृतकों के परिवारीजनों को चार-चार लाख रूपये की सहयता राशि के रूप में दिये जायेगें।

हाथरस 03 जुलाई, 2024 (सूचना विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जिला हाथरस की तहसील सिकंदराराऊ में मंगलवार 02 जुलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड में घायल व्यक्तियों का बागला संयुक्त चिकित्सालय में पहुँचकर हाल-चाल जाना। मा0 मुख्यमंत्री ने मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आकस्मिक दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं रहनी चाहिए। घायलों से मुलाकात के उपरांत मुख्यमंत्री  ने तहसील सिकंदराराऊ के घटना स्थल फुलरई मुगलगढ़ी पहुंचकर घटना स्थल निरीक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री द्वारा अस्पताल में घायलों का हाल-चाल जानने एवं घटनास्थल का दौरा करने के उपरांत रिजर्व पुलिस लाइन हाथरस अधिकारियों के साथ बैठक करने के उपरांत संवाददाताओं से प्रेस वार्ता की।
प्रेस वार्ता के दौरान  मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो घटना हुई है वह अन्यतं ही दुखद और दर्दनाक है। इस पूरी घटना की तह तक जाने के लिये शासन स्तर से कमेटी गठित की गई है, उन्होने कहा कि प्रथम दृष्टया पहले राहत और बचाव कार्य को आगे बढाया जायेे। जो हादसा हुआ है उसमें 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है जिसमें उ0प्र0 के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु जुड़े हुए थे। उ0प्र0 में हाथरस, बदायूँ, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहांपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, औरैया, बुलंदशहर, पीलीभीत, सम्भल और लखीमपुरखीरी सहित 16 जनपदों के भी कुछ श्रद्धालुजन सत्संग में शामिल थे जो इस हादसे के शिकार हुये हैं। 121 मृतकों में से 6 मृतक ऐसे थे जो अन्य राज्यों से थे। जिनमें एक ग्वालियर मध्यप्रदेश, एक हरियाणा और चार राजस्थान से थे। 31 ऐसे घायल हैं जिनका हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा के हास्पीटल में जिनका उपचार चल रहा है और वह सभी खतरे से बाहर हैं। हादसे के चश्मदीद भी इस घटना के शिकार हुये जो गंभीर रूप से घायल हुये थे, उनसे वार्ता करने पर बताया कि हादसा कार्यक्रम के उपरांत जब इस कार्यक्रम में जो सज्जन वहां पर अपना उपदेश देने के लिये आये थे, उनका कार्यक्रम सम्पन्न हुआ तो मंच से उतरने के बाद जी0टी0 रोड पर जैसे ही उनका काफिला आया तो उन्हें छूने के लिये महिलाओं का एक दल उनकी ओर बढ़ा तो उनके पीछे-पीछे भीड़ भी गई। इसी के बाद वे एक-दूसरे ऊपर चढ़ते गये जिसकी वजह से ऐसा हादसा हुआ। सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे, जिसके कारण जी0टी0 रोड के दोनों ओर जी0टी0 रोड के अंदर भी ऐसा हादसा वहां पर होता हुआ दिखाई दिया। इसका सबसे दुखद पहलु ये था कि इस प्रकार के आयोजन में सेवादार प्रशासन को अंदर घुसने नहीं देते। दुर्घटना होने के तत्काल बाद प्रारम्भिक रूप में पहले वहां पर मामले को दबाने का प्रयास किया। लेकिन जब उन्हें प्रशासन ने अस्पताल ले जाने की कार्यवाही की तो ज्यादातर सेवादार वहां से भाग गये। इस पूरे घटनाक्रम के लिये हम लोगों ने ए0डी0जी0 आगरा की अध्यक्षता में एक एस0आई0टी0 टीम गठित की है, जिसने अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट दी और इस घटना की तह तक जाने के लिये उनसे कहा गया है, जिनपर जाँच होनी बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया हमारी कार्यवाही यह है कि राहत और बचावकार्य को आगे बढ़ाने के बाद आयोजकों को पूछताछ के लिये बुलाना, घटना के बारे में हादसे के कारणों के बारे में उनसे पूछताछ करना। घटना की लापरवाही और जिम्मेदारों की जबावदेही भी तय करना जिसकी पहले ही एफ0आई0आर0 दर्ज हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बात को किसी भी प्रकार से नकार नहीं सकते कि इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं होता, अगर हादसा भी हो तो उसके पीछे कौन जिम्मेदार है, और अगर वह घटना घटित हुई है तो इसके पीछे साजिश किसकी है, कौन इसके पीछे है। इन सभी पहलुओं को लेकर राज्य सरकार ने तय किया है कि इन सब पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता ज्यूडिसियल जाँच भी कराई जायेगी। जिसमें प्रशासन और पुलिस के भी रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों को रखकर इस पूरी घटना की जाँच तह तक की जायेगी। जो भी इसके लिये दोषी होगा उन्हें इसकी सजा दी जायेगी और इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। इनके बारे में एक सुझाव और एस0ओ0पी0 भी उनके माध्यम से बनाई जायेगी। जिससे आगे इस प्रकार के किसी भी बड़े आयोजन में लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री के द्वारा हाथरस और सि0राऊ के घटना स्थल का दौरा किया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पहले से इसके मैप भी बनाके तैयार किये और भेजे भी थे। जिससे कि हादसे के कारणों की प्रारम्भिक जाँच की जा सके, उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी यहां पर कल से ही कैम्प कर रहे हैं। इस पूरी घटना के लिये जिम्मेदारों की जबावदेही भी तय करने की दिशा में आगे कार्यवाही की जा रही है, जिसमें कुछ विशेष दल बनाये गये हैं जिनमें अलग-अलग जनपदों मे उनकी कार्यवाही प्रारम्भ होगी, और प्रारम्भिक जांच के बाद आगे की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। ज्यूडिसियल जाँच के बारे में आज ही इसके नोटिफिकेशन शासन द्वारा जारी हो जायेगी। दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की ओर से एक लाख रूपये तथा मृतकों के परिवारीजनों को चार-चार लाख रूपये की सहयता राशि के रूप में दिये जायेगें।
इस अवसर पर प्रदेश के मा0 बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, समाज कल्याण मंत्री श्री असीम अरुण, सांसद अनूप वाल्मीकि, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष  भूपेंद्र चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सीमा उपाध्याय, विधायक सदर श्रीमती अंजुला सिंह माहौर, विधायक सिकंदराराऊ वीरेंद्र सिंह राणा, पूर्व विधायक हरिशंकर माहौर, जिला अध्यक्ष शरद महेश्वरी, एमएलसी ऋषिपाल सिंह, पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी आरपी सिंह, मुख्य सचिव  मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सूचना ं नसंजय प्रसाद, आई0जी0 अलीगढ़ शलभ माथुर, आयुक्त अलीगढ़ मण्डल श्रीमती चैत्रा वी0, जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधगण अधिकारी मौजूद रहे।
एक अखबार ने लिखा है कि हाथरस तो छोड़िए जिले के ट्रामा सेन्टर मै ना लाइट ना नर्सिंग स्टाफ ना ही कोई डॉक्टर और सबसे बड़ी बात आक्सीजन तक उपलब्ध नही थी जो कि इमर्जेंसी मै सबसे पहले चाहिए होती है और बहुत महंगी भी नही होती अगर होती तो बच सकती थी कुछ जानें डीएम और एस पी पहले डॉक्टर पहुंचे काफी समय बाद जब चढा डीएम का पारा
हद हो गई है क्या तमाशा चल रहा है जिला हाथरस मै
हैं नारायण साकार हरि?
नारायण साकार हरि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआत पढ़ाई लिखाई यहीं हुई. उच्च शिक्षा के बाद गुप्तचर विभाग की नौकरी कर ली. काफी समय तक नौकरी करते रहे, फिर आध्यात्म की तरफ मुड़ गए.
सूट और टाई पहनकर प्रवचन देते हैं
मूल रूप से एटा जिले के बहादुर नगरी के रहने वाले
खुफिया विभाग में सरकारी नौकरी करते थे
1990 में नौकरी से इस्तीफा दिया
नौकरी छोड़ने के बाद अध्यात्म में रम गए
कोरोना में सत्संग करके चर्चा में आए थे
पत्नी के साथ मंच से प्रवचन करते हैं
सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है
दावों में सत्संग के दौरान मंच पर बैठने महिला को बाबा की पत्नी या सेविका बताया जा रहा है. लेकिन भक्तों के बीच ‘मां जी’ के नाम से पहचाने जानी वाली महिला बाबा की पत्नी नहीं, बल्कि रिश्ते की मामी लगती है. यूपी के एटा जिले के बहादुर नगर गांव में जन्मे बाबा साकार हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह जाटव है.21 घंटे पहले
साकार विश्व हरि या भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की पत्नी का नाम कटोरी देवी है. सूरजपाल तीन भाइयों में से सबसे बड़ा है. इनसे छोटे भाई रामप्रसाद की मृत्यु हो चुकी है. तीसरे नंबर के भाई राकेश गांव में रहकर खेती का काम करते हैं
हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है। बाबा कासगंज के पटयाली के रहने वाले हैं। करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर सत्संग करने लगे। नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल नाम बदलकर साकार हरि बन गए। अनुयायी उन्हें भोले बाबा कहते हैं। कहा जाता है कि गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायियों बन गए। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में इनके अनुयायी फैले हैं।
सेवा का देते हैं संदेश
साकार हरि बाबा अपने सत्संग में मानव सेवा का संदेश देते हैं। ज्यादातर सत्संग में लोगों से बाबा कहते हैं कि मानव की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। सत्संग में आने से रोग मिट जाते हैं, मन शुद्ध होता है, यहां पर कोई भेदभाव नहीं, कोई दान नहीं और कोई पाखंड नहीं। दावा करते हैं यहीं सर्व समभाव है यहीं ब्रह्मलोक है, यहीं स्वर्ग लोक है। -बूट में रहते हैं बाबा
बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे। कुछ इन्हें आईबी से जुड़ा भी बताते हैं। इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचित हैं। वर्दी धारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने में यह काफी मददगार साबित हुआ। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते हैं। बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनते हैं। अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं। चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित आदि शामिल हैं। उन्हें बाबा का पहनावा और यह रूप बड़ा लुभाता है।
से भी दूरी
बाबा के सत्संगों में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। बाबा के शिष्य अपनी ही मस्ती में रहते हैं। यही वजह है कि मीडिया से भी ये लोग दूरी बरतते हैं। दरअसल, बाबा के सत्संग के तौर-तरीके चूंकि आम संतों से अलग होते हैं लिहाजा ये लोग नहीं चाहते कि इस पर किसी प्रकार की टीका-टिप्पणी हो।
मौजूद है बाबा का आश्रम

भोले बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में मौजूद है। यह उनका पैतृक गांव भी है। भोलेबाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम बना है। इस आश्रम में पहले सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन कुछ वर्ष पहले से यह परंपरा टूटी है।

सत्संग भगदड़ कांड में 123 लोगों की मौत।

जांच के बनी SIT ने 132 लोगों की सूची बनाई।

*भोले बाबा और हाथरस DM-SP से पूछताछ होगी।*

कल देर रात तक कई लोगों से पूछताछ की गई।

एडीजी आगरा की अध्यक्षता में बनी है एसआईटी।

भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में होने की सूचना।

आगरा IG के नेतृत्व में एक टीम का गठन हुआ।

सुरक्षा गार्डों, सेवादारों की अरेस्टिंग के लिए टीम।

पुलिस-प्रशासन ने घटनास्थल पर क्राइम सीन दोहराया।

भीड़ को धक्का देने वाले सेवादारों की तलाश तेज हुई।

दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा के बताए जा रहे हैं गार्ड।

घटना के बाद से ही मुख्य आयोजक घर से फरार है।

सुरक्षा के लिए सिर्फ 69 पुलिसकर्मी लगाए गए थे।

4 ट्रैफिककर्मी, एक दमकल वाहन और एक एंबुलेंस थी।

इतने बड़े आयोजन में एक डॉक्टर की ड्यूटी नहीं थी।

हाथरस हादसे की बड़ी अपडेट

एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने जोन के हर ज़िलें में सीओ ने नेतृत्व में एसओजी की गठित

घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जोन स्तर पर भी एक टीम का किया गया गठन

टीमों द्वारा अव्यवस्थाओं और उपेक्षापूर्ण कृत्य में सम्मलित व्यक्तिओं के बारे में पता किया जाएगा

चिन्हित करने के बाद की जाएगी आरोपियों की गिरफ्तारी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने एडीजी के नेतृत्व में की थी एसआईटी गठित
सिकंदराराऊ में हुए सत्संग में भगदड़ में अब तक 123 लोगों की मौत हो गयी है। 2 दर्जन से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। घटना को लेकर लोगों से पूछताछ कर रही है पुलिस। 100 से अधिक लोगों के कॉल डिटेल खंगाले जा रहे है। आयोजकों, सेवादारों की तलाश में कई जिलों में दबिश दी जा रही है। वीडियो के माध्यम से लोगों को चिन्हित किया जा रहा है।
सिकंदराराऊ में हुए भोले बाबा के सत्संग का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है। सेवादार लोगों को मोबाइल से वीडियो बनाने से कर रहे थे मना। नहीं चाहते थे कि लाखों की भीड़ वीडियो में दिखे। अनुमति थी केवल 80 हज़ार की और भीड़ थी ढाई लाख के करीब।
सिकंदराराऊ हादसे के बाद से बाबा फरार है। पुलिस के कॉल डिटेल चेक करने पर पता चला कि ‘भोले बाबा’ को 2:48 मिनट पर आयोजक देवप्रकाश मधुकर का फोन गया। हो सकता है कि बाबा को मधुकर द्वारा हादसे की जानकारी दी गई थी। बाबा और मधुकर के बीच 2 मिनट 17 सेकंड तक बात हुई थी। इसके बाद बाबा की फोन लोकेशन 3 बजे से 4:35 तक मैनपुरी के आश्रम में मिली। इस दौरान कुल तीन नंबरों पर ‘भोले बाबा’ ने बात की। पहला नंबर महेश चंद्र नाम के शख्स का था, जिससे 3 मिनट की बात हुई। दूसरा नंबर किसी संजू यादव का था, जिससे केवल 40 सेकंड बात हुई। तीसरा नंबर रंजना ने नाम पर दर्ज है, जिससे बाबा की बात करीब 11 मिनट 33 सेकंड की हुई है। रिपोर्टिंग रूबी तोमर बिशेष रिपोर्टर की

 

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