उत्तर प्रदेश ज. मेरठ में आज रक्षा क्षमताओं को और भी अधिक ताकत देने के लिए भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने शुक्रवार को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बी एल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
प्रक्षेपण ओडिशा के चांदीपुर के तट पर भारतीय नौसेना के जहाज से किया गया। यह मिसाइल जहाज से चलने वाली हथियार प्रणाली है जो समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित नजदीकी सीमाओं पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर कर देती है। मिसाइल की लॉन्चिंग का मुख्य उद्देश्य भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की तैनाती करना है। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन(डीआरडीओ) की तीन सुविधाओं द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। मिसाइल में समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने की क्षमता है। समुद्री स्किमिंग की रणनीति का उपयोग विभिन्न जहाज-रोधी मिसाइलों और कुछ लड़ाकू विमानों द्वारा किया जाता है ताकि युद्धपोतों पर रडार द्वारा पता लगाने से बचा जा सके। यह मिसाइल समुद्र की सतह के बेहद करीब से उड़ान भरती हैं और इस तरह इनका पता लगाना और बेअसर करना मुश्किल होता है।