उत्तर प्रदेश बहराइच के क्षेत्रो में ऊपर बाले का करिश्मा देेेख हुुये हैैैरान सभी लोग कही सुुुखा की मार तो कही पानी कि भर मार बारे वा इनसान तेेेरे करमो का फल एसे मिल रहा है जो उफनाई नदियां,गांवों में घुसा पानी,जन जीवन हुुुआ अस्त व्यस्त।

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उत्तर प्रदेश बहराइच के क्षेत्रो में ऊपर बाले का करिश्मा देेेख हुुये हैैैरान सभी लोग कही सुुुखा की मार तो कही पानी कि भर मार बारे वा इनसान तेेेरे करमो का फल एसे मिल रहा है जो उफनाई नदियां,गांवों में घुसा पानी,जन जीवन हुुुआ अस्त व्यस्त।

बाढ़ से घिरा बौंडी गांव बोल ठप्प। 

उत्तर प्रदेश। बहुरिच बाउंडी वासियों का सीधा प्रहार
निष्कर्षण जिलाधिकारी, महसी जनप्रतिनिधि नहीं दे रही ध्यान।

ऊपर बाले का करिश्मा देबेकेख हुउये हैसैरान सभी लोगों कही सुहखा की मार तो कही पानी कि भर मार के बारे में वा इनसन तेयेरे करमो का फल एसे मिल रहा है जो उफफ नदियां, गांवों में घुसा पानी, जन जीवन हुउआ अस्त व्यस्त।

बौंडी मे बाढ़ का कहर जारी स्कूल, मंदिर, थाना, पंचायत भवन, मे भरा बाढ़ का पानी 

निकासीाइच महासी: – बौंडी की मेन सडक पर पानी के तेज बहाव से सडक कट गई है। सडक के ऊपर लगभग तीन फिट पानी का तेज बहाव होने के कारण बौंडी वासियों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
बौंडी की मेन सडक पर एक पुलिया बनी हुई है जो जरौरा पुलिया के नाम से होनी चाहिए। वह पुलिया भी टूटी हुई है। बौंडी वासियों के लिए तो सबसे बडी बात यह कि भारत तो अंग्रेजो कि गुलामी से आजाद हो गया है लेकिन बौंडी वासी आज भी अंग्रेजो की बनवाई हुई टूटी पुलिया पर अपना सफर तय करते है। जब इस पुलिया निर्माण के लिए जिले के उच्च अधिकारियों को कई बार सूचित किया गया है, लेकिन किसी भी अधिकारी ने संगीन कार्रवाई नहीं की है।
बाढ़ के समय सभी अधिकारी दूर से औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट डाल देते हैं कि ग्रामीणों को कोई समस्या नहीं है।जबकि बाढ़ का आँखों देखा हाल यह है कि बौंडी आने के लिए किसी भी सड़क पर 3 फीट से कम पानी नहीं है और पानी का तेज पानी भी है। गाँव की सारी गलियाँ चौराहे पर पानी भरा हुआ है। किसी भी नाव की व्यवस्था बौंडी में नहीं की गई लेकिन दिखाया जा रहा है कि बौंडी में जलमग्न हुए व्यक्तियों को नाव से निकालने की कोशिश की जा रही है। लेकिन यहां की तस्वीरें आपको सीधे बयां कर रही है कि एक भी नाव बौंडी गांव के अंदर नहीं पहुंची ना किसी अधिकारी की नजर गांव की गलियों पर पड़ी है जबकि बौंडी के सभी सरकारी भवनों के अंदर 2 से 3 फीट पानी भरा हुआ है। अधिकारी बांधने के ऊपर ऊपर कर कर वापस खानापूर्ति में जाते हैं जबकि गांव के अंदर कोई भी अधिकारी कहीं नहीं पहुंच रहे हैं। सिर्फ देखा जाए तो अपनी ही जेब भरने में लगे हैं बाढ़ के समय में अधिकारी कहीं ठोकर के ऊपर काम होता है तो दिखाई ही नहीं देता हैकहीं न कहीं लंच पैक वितरण कर दिखाया जाता है कि लाखों की सामग्री बाढ़ पीड़ितों को बताए गए। लेकिन निकासाइच के जिला अधिकारी को स्वयं बौंडी पहुंचकर ग्रामीणों से लेनी चाहिए जानकारी की क्या व्यवस्था है उन तक पहुंची है या नहीं। बौंडी के चमरी व शर्मा टोला में पूरी तरह से पानी भरा हुआ है एक भी त्रिपल व लंच पैक की व्यवस्था नहीं की गई है। आखिर क्यों सरकार के वादों को फेल करने में जुटे हैं, फ्राइच के प्रशासनिक अधिकारी हैं।
बौंडी निवासी मायाराम ने बताया कि जितने भी अधिकारी बौंडी आते हैं वो चाय नास्ता कर बाजार से ही वापस चले जाते हैं कहीं बाजार आते हैं तो कहीं बांध से ही निरीक्षण कर कागजों पर कार्रवाई पूरी कर देते हैं।आखिर हो क्या रहा है बांधने के रूप में भी पुलिया हैं साब बंद कर दी गई है बहराइच जिला प्रशासन व महसी तहसील प्रशासन पूरी तरह से बौंडी को बहिराईच जिले के नक्शे से मिटाने में जुटे हुए हैं आखिरकार क्यों।
बौंडी निवासी अक्रोश अदात ने चुनाव के समय ही रजनेता राजनीति करने को पहुंचते हैं दांडी हैं।
देखा जाए तो इस समय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का पूरी तरह से जायजा ले रहे हैं एनडीआरएफ की टीम जो कि अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं।

रिपोर्टर बबलू खान 

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