उत्तर प्रदेश बहराइच भारत नेपाल सीमावर्ती कस्बा रुपईडीहा मे स्थित इलाहाबाद बैंक कर्मी पिछले एक सप्ताह से नेटवर्क फेल होने का बहाना बता कर दूर दराज से आने वाली जनता को बिना लेन देन के बैरंग वापस लौटा रहे हैं। बताया जाता हैं कि लॉकडाउन व कोरोना महामारी के बाद भारत सरकार ने बैंको के जनधन योजना के तहत खातों में पैसा डाला है। इसे के मद्देनजर क्षेत्र के ।
गरीब किसान,मज़दूर, तथा बेरोजगार युवक अपने खातों में डाले गए पैसो को निकालने के लिए बैंको के चक्कर काट रहे हैं। बैंको के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी है।इन क़तारों में बुज़ुर्ग, महिलाएं अपने गोद के बच्चे लिए हुए भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रही है।ऊपर से बैंक कर्मी इनको बीच बीच मे आकर उल्टी सीधी फटकार लगाते रहते हैं। बैंक कर्मी अक्सर नेटवर्क का बहाना बनाकर बैंको में आराम फरमाते नज़र आते हैं।और बाहर भीड़ तपती धूप में टोकन लेकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करती रहती है।ऐसे में कब लंच का टाइम हो जाता है।इन खाता धारकों को पता ही नही चलता।लंच के बाद चार बजते ही बैंको में ताले लगा दिए जाते हैं।और मायूस होकर खाता धारक बैरंग लैट जाते है।आज इसी को लेकर जब इलाहाबाद बैंक कर्मी प्रातः दस बजे क़तारों में लगी महिलाओ व बुजुर्गों के साथ बदसलूकी कर रहे थे। तभी वहां मौजूद पत्रकारों ने फ़ोटो खींच लिया जिसको लेकर बैंक कर्मी भड़क गये तथा पत्रकारों को वहां से भगाने लगे।पत्रकारों द्वारा सवाल पूछने पर बैंक के कर्मचारी आग बबूला हो उठे तथा देख लेने की धमकी देने लगे।जिसको लेकर रुपईडीहा कस्बे के पत्रकारों में उक्त बैंक कर्मी के खिलाफ रोष दिखाई दे रहा है। रुपईडीहा कस्बे मे आम चर्चा है कि उक्त बैंक मौनेजर का उपभोक्ताओं के साथ व्यवहार ठीक नहीं हैं। आये दिन खाता धारकों से बदसलूकी करता रहता है। दूसरी ओर इलाहाबाद बैंक बाबागंज मे बैंक से मिलने वाला निःशुल्क फार्म को बैंक कर्मी दलालों के माध्यम से 10 रुपये से लेकर 20 तक खुले आम उपभोक्ताओं के हाथ बेचा जा रहा हैं।
नईम खान
उत्तर प्रदेश ब्यूरो चीफ