उत्तर प्रदेश मेरठ नगर निगम की नालों की सफाई नहीं कर रहा अगर नालों की सफाई का ठेका किसी प्राइवेट कंपनी को दिया जाए तो तली झाड़ नालों की सफाई होगी नगर निगम केवल कागजों में सफाई करता है

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उत्तर प्रदेश मेरठ नगर निगम नालों की सफाई नहीं कर रहा अगर नालों की सफाई का ठेका किसी प्राइवेट कंपनी को दिया जाए तो तली झाड़ नालों की सफाई होगी नगर निगम केवल कागजों में सफाई करता है ना लोक में कोई सफाई नहीं होती जिसका जीता जागता उदाहरण है घंटाघर से लेकर और काली नदी तक अगर जो यहां पर ढंग से सफाई हो तो ब्रह्मपुरी क्षेत्र में लिसाड़ी गेट में पानी नहीं भरेगा पानी भरने से सड़कें खराब हो जाती हैं और पब्लिक को जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है 2022 का इलेक्शन सिर पर है लेकिन नगर निगम आंखों पर काला चश्मा और कान में कपड़ा लगाए हुए हैं जिसके कारण सरकार और उच्च अधिकारी भी बदनाम होते हैं घंटाघर पर आप देख सकते हैं नाले के ऊपर ही 2 मंजिल बिल्डिंग बन गई नालों में इस कदर पूरा भरा हुआ है कि आप उस पर बैडमिंटन खेल सकते हैं क्रिकेट खेल सकते हैं फुटबॉल खेल सकते हैं लेकिन सफाई के नाम पर बिलकुल जीरो नगर निगम का यह कारनामा है जिसके कारण बीमारियों का प्रकोप हर साल बढ़ जाता है सरकार का पैसा व्यापारी का टैक्स का पैसा व्यापारी का हाउस टैक्स का पैसा पानी की तरह बहा दिया जाता है लेकिन सफाई बिल्कुल नहीं होती क्या नगर निगम सफाई करेगा या नहीं करेगा यह तो अब समय बताएगा की जनता को कूड़े के ढेर पर ही रहना पड़ेगा या सफाई होने के बाद कुछ मेरठ स्वच्छ चमकेगा दूसरा प्रकरण आपको बता दें पिछली बार नगर आयुक्त मनोज चौहान जो मेरठ के नगर आए थे उन्होंने कूड़े के आगे बड़े-बड़े बैरिंग वाले बोर्ड लगाए थे जिससे कि कूड़ा जनता को ना चमके और बदबू ना आए उन बोर्ड जिनमें नीचे बेरिंग भी लगे हुए थे का भी आज तक कुछ पता नहीं लाखों रुपए से करेगा खरीदे गए यह बोर्ड बेरिंग वाले जो कूड़े के आगे लगाए जाते थे वह भी मेरठ से गायब हो गए कहां जा रहा है पैसा का नहीं जा रहा कोई देखने वाला नहीं है यह एक चिंता का विषय है जनता त्रस्त है और नगर निगम मस्त है दूसरा मामला यह रिटायर होने के बाद भी योगेंद्र शर्मा नगर निगम के ऑफिस और कैंप कार्यालय में जमा हुआ है जिसके कारण कोई भी कार्य समय पर नहीं हो रहा किसी की फाइल का काम नहीं हो रहा गलत फाइलों का काम बहुत जल्द होता है और जो सही फाइल रोक दी जाती है चौकी रिटायर होने के बाद भी कैंप कार्यालय और नगर निगम में जमकर बैठता है योगेंद्र शर्मा नाम का यह व्यक्ति क्या नगर निगम में और कोई काम करने वाला व्यक्ति नहीं है यह भी एक बड़ा सवाल है।

सह संपादक सुशील रस्तोगी की खास रिपोर्ट

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