उत्तर प्रदेश मेरठ नगर निगम हर कार्य में फेल और सरकार और जनता की बना देता है रेल और ।

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उत्तर प्रदेश मेरठ नगर निगम हर कार्य में फेल और सरकार और जनता की बना देता है रेल

नगर निगम सफाई के काम पर फेल
कागजों में सफाई हो जाती है पैसों की बना देता है रेल
सरकारी
संपत्तियों पर कब्जा हो जाता है कर्मचारी बनवा देते हैं सरकार की रेल

कोई कर्मचारी नगर निगम का तेल और स्क्रैप चोरी के मामले में बचत की सोचता है तो उसकी रिपोर्ट करा कर बना देते हैं रेल

भू माफियाओं को संपत्ति पर कब्जा बनाकर नोटों का महीना लेते हैं और सरकार की बनाते हैं रेल

कोई व्यापारी किराए की दुकान को खरीदना चाहता है तो नहीं बेचेंगे और उसकी बना देंगे रेल
अच्छे व्यापारियों की रेल अच्छी सरकार की रेल और मेरठ का नगर निगम बिल्कुल फेल

जी हां अब हम बात करते हैं उस कर्मचारी की जिसको चोरी में किया बर्खास्त और जांच में निकला वह बेकसूर
नगर निगम के डिपो से स्क्रैप चोरी के आरोपों के चलते जिस कर्मचारी को डिपो प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर संजीव नाम के जिस चालक को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था मेरठ मंडल आयुक्त के निर्देश पर नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी से जांच कराई तो वह बेकसूर निकला यह बात यहीं नहीं खत्म होती है और कर्मचारी के खिलाफ बकायदा साजिश रची गई क्योंकि वह उत्तर प्रदेश सरकार और नगर निगम का तेल चोरी और स्क्रैप चोरी को करने नहीं दे रहा था
यह पूरा मामला साल 2019 का है निगम में करोड़ों के स्क्रैप चोरी की गूंज शासन तक पहुंची थी मेरठ मंडल आयुक्त की मार्फत शासन ने निगम प्रशासन से इस संबंध में जवाब तलब किया था 2020 में निगम की ओर से शासन को संजीव नाम के कर्मचारी पर चोरी का आरोप लगाते हुए उसकी सेवाएं समाप्त कर दी थी इस मामले में थाना ब्रह्मपुरी में एफ आई आर करा दी गई लेकिन बर्खास्तगी के पीछे खेल का खुलासा और स्क्रैप का खुलासा नगर आयुक्त मनीष बंसल के आदेश पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी की जांच में हो गया की स्क्रैप मामले में संदीप को फसाने के लिए साजिश रची गई थी
तो यह है नगर निगम का कारनामा इससे अच्छे आईएएस अधिकारी नगर आई की भी बदनामी होती है क्योंकि कुछ लोग नंबर दो के पैसे कमाने के लिए हद से नीचे गिर जाते हैं और अपने छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बना देते हैं इस मामले को लेकर पूर्व में जांच की मांग करने वाले एक अन्य कर्मचारी हेमंत ने बताया कि जांच के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत करने में पूर्व के नगर आयुक्त के हस्ताक्षर को भी कट पेस्ट कर जांच अधिकारी के समक्ष के बजाय मुख्य पत्रावली के केवल फोटो स्टेट ही प्रस्तुत की गई मामले की कारगुजारी सामने आने के बाद अपार नगर आयुक्त ने दिल्ली रोड डिपो के प्रभारी को नोटिस थमा दिया 3 दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने की हिदायत दी इसी कार्रवाई से निगम प्रशासन के तमाम स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ है
ऐसा ही नहीं नगर निगम के कर्मचारी नंबर दो के काम में मस्त और जनता त्रस्त कर्मचारी अपने ऑफिस में नहीं मिलते और जनता काटती रहती है चक्कर हर काम के नगर निगम के कर्मचारियों को चाहिए रुपए

ललित अपराध लाइव न्यूज़ चैनल सह संपादक सुशील रस्तोगी की खास रिपोर्ट

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