उत्तर प्रदेश मेरठ पॉलिथीन प्रतिबंध बेअसर मेरठ शहर की डेरिया पर प्रतिबंध वह भी बेअसर नालों में दिख रहा है कचरे और गोबर का असर
मेरठ शहर में प्रतिबंधित पॉलिथीन का उपयोग बेवकूफ हो रहा है पाबंदी के बावजूद पॉलिथीन बेची जा रही है फल सब्जी बेचने वालों से लेकर दुकानदार खूब प्रयोग कर रहे हैं जिसके चलते शहर पॉलिथीन कचरे से अट गया है शहर में बढ़ते पॉलिथीन कचरे की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर 2018 को घोषणा की थी कि पॉलिथीन में थर्माकोल के प्रयोग निर्माण बिक्री वितरण भंडारण परिवहन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है इसकी अधिसूचना जारी की कि जिस में बकायदा प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 1 माह की सजा या न्यूनतम ₹1000 का जुर्माना का प्रावधान है
ऐसा ही हाल मेरठ शहर में डेरियो का चल रहा है जगह-जगह 80 से 100 पैसे का गोबर प्रतिदिन नाले में बहा दिया जाता है जिसके कारण नाले उफान पर आ जाते हैं और घरों में पानी घुस जाता है तो दोनों ही इस प्रकार मेरठ शहर के मकानों में गंदे पानी जाने के लिए दोनों कार्य जनता को मजबूर कर रहे हैं एक पॉलिथीन दूसरा भैंसों की डेयरी से जनता परेशान गर्मी आने वाली है जिस कारण बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है एक डेयरी ओडियन के बराबर में ताराचंद की चल रही है जिसमें 80 से 100 गए से बंधी हुई है प्रतिदिन गोबर नाले में बाहर जा रहा है पीछे एक बार टीम को भेजकर जांच करा ले
सुशील रस्तोगी