3,30 के करीब यह लोग नाराहट थाने को बगेर सूचना दीये देविन्द्र कुशवाहा को सोते हुए घर के अंदर से उठा कर ले आए बगेर कपड़ो के उसको कपड़े तक नही पहन पाए थे जो किको कोतवाली में बंधक बना मारपीट की उसके साथ और देविन्द्र कुशवाहा नाना प्रकार से थे। टोर्चर किया गया जिसके कारण उसे उसी समय बेहोश अबात में भी उसको नहीं कहसा गया ओर थर्ड डिग्रीयो का प्रयोग किया गया जब वह सुबह होसमे आया ओर उसके घरवालों पुलिस से निवेदन किया तो बड़ी मुस्कानिलो का सामना करने के बाद मिलने के लिए तो देविन्द्र ने सब आप बीती बताई और चौटे भी दिखाई ओर सा जब बाबा सुनी भाई और पत्नी परिवार वालो ने तो राज्य सरकार के मंत्री मनोहर लाल (मन्नू) कोरी के पी आरो चंद्र शेखर ने कोतवाली ओर कुछ आला अफसरो को फोन किया के यह परिवार को हम भलीभांति जानता है कि यह लोग निर्दोष है यह सभ्रांत परिवार है तो आप लोग देविन्द्र के साथ मारपीट एक्स यो कि है और एस तरह की हरकतों को न करे तो भी पुलिस न एक भी नही सुनी ओर पुनः मारापीटा गया और थर्ड डिग्रियों का एसईडी किया गया वत देवेन्द्र का भाई पत्नी परिवार के लोग सदर विधायक रामरतन एडवोकेट के पास गए तो भी उनकी बात नहीं सुनी पुलिस ने जबकी सदर विधायक ने भी कहा के अगर देविन्द्र ने कोई गुनाह किया है तो उसकी जगह। में स्वयं बंद होनेके लिए तैयार हूँ पर उसको भगवान मत की उसकी दबातेओ जो आप लोगोने मारपीट की है जिसके कारण उसकी परिस्थिति खराब हो गयी है पर उनकी कोई बात नहीं सुनी व मृतक के सभी परिवार के लोग पूर्व विधायक फेयेरनल अहिरवार महरौनी जी के पास गए हैं तो लोकप्रिय फेरनलाल विधायक जी तुरंत ही चल रहे और सदर चौकी प्रभारी अटल बिहारी से मिलेे और लगभग लगभग आधे घंटे तक बहुत बहिष्कार हुए पर उलटा ही ज्ञान देने लगे और कहा। की एसपी सस्पेंड ही करदेगे और क्या करलेगा अटल बिहारी ने और कहा सरकारी कार्य में इन्टर फेयर करने का कहा यह दोस भी लगाया गया महरौनी पूर्व विधायक फे ेरनलाल अहिरवार जी से तब भी वह नही माने ओर अटल बिहारी दरोगा ने अपना सम्मान य
यह सब क्यो हुआ यह इस लिए हुुआ के एक कहावत है हमारे बुन्देलखण्ड में लपकी गाय गुलेदो खाये बेरबेर महुुआ तरे होंगे।
.भ्रष्टाचार की जय हो ।।
- और वही हुआ जो कोई नहीं होना चाहिए था देविन्द्र कुशवाहा के वेहनोई गोकल को उठाया था अटल बिहारी दरोगा ओर पुलिसवालो ने जिसको छोड़ने के लिए कोई कथाकृतिनाथ पूजा पूजा कश्यप का नाम बताया कि पैसे देनेवालो ने कहा के गोकल को छुड़ाने के लिए पुजा कश्यप ने 20 हजार रुपये दिए थे। थे जो अटल बिहारी दरोगा के नाम पर केवल गोकल को छोड़ दिया गया था, ताकि यह सिद्ध हो गया के रूलर पार्टी के नेताओं की नहीं मानी और कानून को ाक पर रख कर लिक से हटकर उसने कर दिया जो नहीं होना चाहिए था ।देखना यह है के दोशेओ के खिलाफ मामला दर्ज होता है य स्टाफ के नेतृत्व लीपापोती कर दी जाती है क्योंकि पुलिस परिवार के लोगो को धमकियां पड़ रही है के आप सभी के लिए। ऊपर कई केस लगा कर बंद करदेगे यह भाजपा सरकार की कार्य सेली जिसका आदमी मरगया और उसी को धमकियां मिल रही है। के दोशेओ पर कृपा है ए है अंधा कानून जो ललितपुर कोतवाली और सदर चौकी के बाबा हर कथकतिथ पत्रकार दलाली करते नजर आते है यह हकीकत दलालों के आगे हुऐ फेल मंत्री के पीआरओ से लेकर विधायक लोगो नही मानी। यह सभी जानकरी मृतक के भाई एवं परिवार के लोगो के द्वारा ।