उत्तर प्रदेश ललितपुर सिद्धपीठ पर माता रानी का विशेष श्रृंगार कर लगायें 56 भोग, श्रीराम नवमीं को हुई मां सिद्धिदात्री महारानी की पूजा की गयी और

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उत्तर प्रदेश ललितपुर
सिद्धपीठ पर माता रानी का विशेष श्रृंगार कर लगायें 56 भोग,
श्रीराम नवमीं को हुई मां सिद्धिदात्री महारानी की पूजा
ललितपुर। चैत्र नवरात्रि पर्व के अंतिम दिन मां के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की गई । वहीं 10 अप्रैल रविवार को मां दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री महादेवी की उपासना की गईं,
गांधीनगर नईबस्ती स्थित माँ वीरलोचनी बीजासेन महाकाली सिद्ध पीठ पर मां दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री महादेवी की पूजा की गई। इसमें श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर माँ से मनौतियां मांगी। मां सिद्धिदात्री महादेवी का पूजन करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर में भक्तों ने मां महागौरी ,सिद्धिदात्री महादेवी की पूजा-अर्चना की। सिद्धपीठ पर सुबह माँ भगवती को 56 भोग लगाकर ,मन्दिर में हवन-यज्ञ किया गया शाम को श्री सत्यनारायण भगवान की पावन कथा के साथ महा आरती की गई, सिद्ध पीठ पर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये जा रहे हैं महिलाओं की मंडलियों द्वारा जस गीत एवं माता रानी के सेवा गीत से दरबार गुंजायमान है, भक्ति में डूबा हुआ है। सैकड़ों की संख्या में श्रद्घालु दर्शन करने माता रानी के दरबार में पहुंच कर मत्था टेका रहे हैं। सिद्धपीठ को फूल- मालाओं, विद्युत झालरों व तरह तरह के फल-फूलों से रंगोली बनाकर सुंदर एवं भव्य तरीके से सजाया गया है।
सिद्ध पीठ के ट्रस्टी/अध्यक्ष महन्त विनीत बाबा बाल्मीकि ने बताया कि नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की भक्त सच्चे मन से आराधना करते हैं। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा की सेवा करने से भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहती है। मान्यता है कि मां जगदंबे की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, खुशहाली व शांति का आगमन होता है।
नवरात्रि के नौ दिनों भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भोग व पुष्प अर्पित करते हैं। मान्यता है कि मां दुर्गा को उनके प्रिय पुष्प को अर्पित करने से वह प्रसन्न होती हैं। मां कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मिृत्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी, रौद्री देवी के नाम से जाना जाता है। ये सदैव शुभ फल देने वाली माता के रुप में पूजी जाती है। इनकी पूजा से संपूर्ण मनोकामना पूर्ण होती है और इनकी शक्ति प्राप्त कर भक्त निर्भय और शक्ति संपन्न महसूस करता है। मान्यता है कि कालरात्रि मां की पूजा करने से शनि ग्रह के विष योग जनित ग्रह दोष दूर होते हैं और मृत्यु तुल्य कष्टों से मुक्ति मिलती है।
इस अवसर पर संरक्षक दिलीप घावरी, गुरुमाता मालती देवी, प्रबन्ध निदेशक जयेश बादल,महासचिव विकास बासु घावरी, उपाध्यक्ष सुभाष नामदेव, श्रीमती अनीता राजपूत, मगन विश्वकर्मा, रवि पंथ, रामपाल राजपूत, विशाल विश्वकर्मा, अंकित विश्वकर्मा, सचिन पंथ, रूपेन्द्र साहू,खुशीलाल राय, सौरभ जैन,कुंजबिहारी बाबरा, संदीप धौलपुरिया, सागर करोसिया, आकाश साहू, सोनू माली, राजेश नामदेव, मोहित माली,निखिल चन्देल,सनी नामदेव, मनीष प्रजापति,आकाश कुशवाहा व माताओं बहनों सहित सेकड़ो भक्त मौजूद रहे।
संवाददाता सुरेंद्र सपेरा
ललितपुर उत्तर प्रदेश

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