उत्तर प्रदेश ललितपुर से भोपाल इंदौर झांसी के लिए चलने वाली लग्जरी बसें कर रहीं गुड्स ट्रांसपोर्टिंग का काम और।

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उत्तर प्रदेश ललितपुर से भोपाल-इंदौर- झांसी के लिए चलने वाली लग्जरी बसें कर रहीं ट्रांसपोर्टिंग का काम
बसों की छत और डिक्की में अवैध रूप से सामान भरकर लाने का खेल लगातार है जारी
ललितपुर। एआरटीओ, वाणिज्यिक विभाग व पुलिस प्रशासन की लापरवाही से मोटरयान अधिनियम के तहत यात्री बसों में माल की ढुलाई या क्षमता से अधिक लोडिंग कर खुलेआम सड़कों पर फर्राटा मार रही है। इंदौर-भोपाल-झांसी रूट पर चलने वाले लग्जरी बसों में होने ओवर लोडिंग और सामान की ढुलाई का काम किया जा रहा है। सुबह-सुबह ही जनपद में आधा दर्जन बसों की छतों और डिक्की के अंदर से सामान उतारते नजर आए। यह स्थिति एक-दो दिन की नहीं है, बल्कि हर दिन का मामला है, जब इंदौर-भोपाल व झांसी की ओर से आनी वाली यात्री बसें टैंक्स चोरी कर रखवाए गए माल को छतों पर रखकर लाती हैं। यात्रियों की जान से सीधे खिलबाड़ करते हुए भारीभरकम माल इन यात्री बसों पर लादकर लाया जाता है। सुबह प्राइवेट यात्री बसों की छत पर लगेज के नाम से रखे सामान को उतरता देखकर ही बस ऑपरेटरों और बस स्टाफ की अतिरिक्त आय का अंदाजा लगाया जा सकता है। शहर में निजी लग्जरी बसों में अवैध रूप से सामान भरकर ले जाने और लाने का खेल अब भी बदस्तूर जारी है। खासतौर से बसों की छतों पर भी भारी मात्रा में सामान ढोया जा रहा है। इससे जहां हादसे की बड़ी आशंका बनी रहती है। वहीं टैक्स चोरी कर लाया-ले जाया जा रहा यह माल शासन के राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रहा है। सब कुछ खुलेआम शहर से संचालित लग्जरी बसों में हो रहा है। इसके बावजूद परिवहन विभाग, वाणिज्य कर विभाग और यातायात पुलिस का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। प्रशासन को इस अवैध कार्य को रोकने के लिए टीम गठित कर अंकुश लगाना चाहिए था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। लंबी दूरी की यात्री बसों के संचालक धड़ल्ले से बिना बिल्टी के दुकानों का सामान परिवहन कर रहे हैं। इस पर वाणिज्यकर विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। जानकारी के अनुसार भोपाल, इंदौर, झांसी, बीना, सागर से आने वाली बसों की छतों पर भारी-भरकम लगेज लोड होता है, जबकि यह काम ट्रांसपोर्टरों के जरिए होना चाहिए ताकि टैक्स चोरी ना हो। पिछले कई सालों से यह काम लग्जरी बसों के माध्यम से हो रहा है। इसको लेकर वाणिज्यिक विभाग भी कार्रवाई नहीं करता। इसके कारण व्यापारी रोज टैक्स चोरी कर सामान बसों के माध्यम से एक शहर से दूसरे शहर और एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचा रहे हैं। शहर से प्रतिदिन दो दर्जन से ज्यादा लग्जरी यात्री बसों का संचालन होता है। इसमें से दूरदराज जाने वाली यात्री बसों की छत पर खासा सामान लाया-ले जाया जाता है। वाहनों के भीतर भी स्टॉक रखने के मामले पहले आ चुके। बसों में सवारी बैठाने में भी नियमों का उल्लंघन होता है, लेकिन इनके प्रति कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है।
रिपोर्ट अमित प्रजापति

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