उ प्र आगरा ट्रेन की टक्कर से घायल हुआ लकड़बग्घा, वाइल्डलाइफ एसओएस अस्पताल में चल रहा उपचार!

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उ प्र आगरा ट्रेन की टक्कर से घायल हुआ लकड़बग्घा, वाइल्डलाइफ एसओएस अस्पताल में चल रहा उपचार!

आगरा के फतेहाबाद स्थित गढ़ी दरियाब गाँव में तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से एक लकड़बग्घा गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने रेस्क्यू किया। लकड़बग्घे की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट है और वर्तमान में वह उपचार प्राप्त कर रही है।

फतेहाबाद रेलवे स्टेशन से महज कुछ मीटर की दूरी पर तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से एक मादा लकड़बग्घा गंभीर रूप से घायल हो गई। रेलवे की पटरि के पास बेहोश अवस्था में पड़े जानवर को देखकर, एक चिंतित राहगीर ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, जिन्होंने तत्काल हेल्पलाइन (+ 91-9917109666) पर वाइल्डलाइफ एसओएस से चिकित्सकीय सहायता मांगी।

एनजीओ की दो सदस्यीय टीम स्थान पर पहुंची, जो एम्बुलेंस, बचाव उपकरण और विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए पिंजरे से लैस थी। टीम सावधानीपूर्वक लकड़बग्घे को एम्बुलेंस में तत्काल चिकित्सकिय सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस के अस्पताल ले आई। टक्कर का प्रभाव इतना अधिक था की जानवर की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई हैं और शरीर पर कई घाव भी है। 5 साल की अनुमानित उम्र वाली लकड़बग्घे की हालत गंभीर है।

वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. इलयाराजा ने कहा हमें लकड़बग्घे को अस्पताल तक लाने एवं इलाज करने में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी क्योंकि उसकी चोटें काफी गंभीर हैं। विस्तृत एक्स-रे परीक्षण से रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट का पता चला और उसके सिर और कान पर भी गहरे घाव है। हम जानवर का इलाज करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन, उसकी हालत अभी नाज़ुक बनी हुई है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा हमें यह देखकर खुशी हुई कि अधिक से अधिक लोग संकट में जानवरों की मदद करने के लिए जागरूक हो रहे हैं। हमारी टीम लकड़बग्घे की स्थिति की गहन निगरानी कर रही है और उसे उचित उपचार प्रदान कर रही है। शहर में वन्यजीव गलियारों एवं अंडरपास की कमी इस तरह की घटनाओं का प्रमुख कारण है, जिसके कारण कई जानवर सड़क या रेलवे की पटरी पार करते समय अपनी जान जोखिम में डालते हैं और अक्सर वाहनों या ट्रेन की टक्कर के शिकार हो जाते हैं।

फतेहाबाद के वनछेत्राधिकारी, प्रेम नाथ तिवारी ने कहा, लकड़बग्घे आमतौर पर इस रेंज में देखे जाते हैं और हमें लकड़बग्घे और नीलगाय जैसे जंगली जानवरों के बारे में काफी कॉल आती रहती हैं, जो सड़क या रेलवे दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं।

भारत में हर साल सैकड़ों जानवर जैसे नीलगाय, लकड़बग्घा, गीदड़, तेंदुए, और हाथी सड़क या ट्रेन दुर्घटनाओं के कारण अपनी जान गवाते हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार का ऐसा जंगली जानवर दिखे जो घायल हो या जिसे उपचार की ज़रुरत हो, तो कृपया वाइल्डलाइफ एसओएस को उनके हेल्पलाइन नंबर (+ 91-9917109666) पर इसकी सूचना दें !

तपेंद्र सिंह राजपूत ब्यूरो चीफ आगरा

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