ऊंचाहार, रायबरेली। डिलौली गांव ऊंचाहार, रायबरेली। डिलौली गांव निवासिनी प्रसूता की मौत मामले में क्लिनिक संचालिका का बयान सामने आया है। जिस क्लिनिक संचालिका पर प्रसूता का ईलाज करने का आरोप है।वासिनी प्रसूता की मौत मामले में क्लिनिक संचालिका का बयान सामने आया है। जिस क्लिनिक संचालिका पर प्रसूता का ईलाज करने का आरोप है। दरअसल उनका नाम दीपिका सरकार है। वह पेशे से जीएनएम हैं और रजिस्टर्ड क्लिनिक संचालित करती हैं। यहीं वह जीएनएम का कुशल कार्य करती हैं। शनिवार की देर रात घटित घटना पर जीएनएम दीपिका सरकार ने अपना पक्ष बताया है कि वह शनिवार की दोपहर दवाखाने पर थीं। तभी डिलौली गांव निवासी शिवकेश अपनी पत्नि मंजू को लेकर गर्भ की जांच कराने गया आया था। जहां जांच किया गया तो पता चला की उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा होने के साथ उसकी हालत और गम्भीर है। पूछने पर पता चला कि प्रसूता का पति ने पहले ही पत्नि को गर्भपात सम्बन्धी दवा खिला दिया है। जिससे पत्नि की बिगड़ी हालत में सुधार कराने लाया था। प्रसूता की हालत देख जीएनएम ने किसी प्रकार का ईलाज इत्यादि न करते हुए तत्काल सीएचसी या किसी विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी। इसपर प्रसूता के पति के पास साधन न होने और गरीबी का हवाला देकर साधन के किए मिन्नतें करने लगा। जिसपर जीएनएम दीपिका सरकार ने अपने पति का ई रिक्शा मुहैया करा दिया। पति द्वारा प्रसूता को घर ले जाते वक्त दुर्भाग्य से रास्ते में सवैया तिराहे के पास ई रिक्शा की बैट्री खत्म हों गई। जिसपर दूसरा साधन मुहैया करके वह चले गए। यह घटना क्रम दोपहर से लेकर शाम तकरीबन छह बजे तक चला। जीएनएम दीपिका सरकार बताती हैं की तकरीबन छह से सात घंटों के बाद मध्य रात्रि ज्ञात हुआ कि महिला की हालत बिगड़ गई और सीएचसी के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। प्रसारित हो रही खबरों पर उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा ईलाज के बाद हालत बिगड़ने की बात निराधार है। उन्होंने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
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