ऊँचाहार,रायबरेली। एनटीपीसी के ऐश पॉउण्ड से ट्रकों में राख भरकर ले जाने वाले ट्रकों से रास्ते में उड़ती हुई राख सड़को पर दुर्घटना का सबब बनती है तो वहीं दूसरी ओर ऐश पॉउण्ड के आसपास के खेतों में होने वाले सीपेज से दर्जनों किसानों की सैकड़ों बीघे खेत बर्बाद हो रही है । ऐश पाउंड की समस्यों से जूझ रहे ग्रामीण किसानों व निवासी के लाख शिकायत के बाद भी न ही एनटीपीसी कोई ठोस कदम उठा रही और न ही प्रशासन कोई सुध ले रहा है।
आपको बता दे। एनटीपीसी के अरखा स्थित ऐश पॉउण्ड ग्रामीणों के लिए अभिशाप बनी हुई है। किसानों के सैकड़ों बीघे खेत ऐश पॉउण्ड के सीपेज कारण बर्बाद हो रही है जिसमें खेती नहीं हो पा रही है। जिसके कारण किसान आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐश पॉउण्ड से उड़ने वाली राख ग्रामीणों की जिन्दगी में इस कदर जहर घोल रही है कि लोग गंभीर रोगों से ग्रसित होकर मौत की आगोश में जा रहे हैं। एनटीपीसी परियोजना का कहर सिर्फ यहां नहीं रुकता । इसके अलावा एनटीपीसी परियोजना के करीबी दो दर्जन गाँव प्रभावित हैं। जिनकी छतों पर राख की मोटी परत जम जाती है। प्रदूषण से लोग मौत के मुँह में जा रहे हैं और एनटीपीसी के ज़िम्मेदार अफसरों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। एनटीपीसी के अरखा स्थित ऐश पॉउण्ड के करीबी गाँव पूरे किशुनी,बसिया की बाग, हरबंधनपुर समेत कई अन्य गाँव के लोग ऐश पॉउण्ड से उड़ने वाली राख खाने को विवश हैं। यहाँ तक की इस गाँव में लोग शादी तक करना पसन्द नहीं करते। इन गाँव के लोगों के कान, आँख,नाक, मुँह के रास्ते राख शरीर में प्रवेश कर जाती है और गंभीर रोग से शरीर को ग्रसित कर देती है जिससे लोग मर रहे हैं। यहाँ तक युवा उम्र से पहले बूढे हो रहे हैं। आखिर इन तमाम समस्यों के बाद भी स्थानीय प्रशासन क्यो नही जाग रहा है यह बड़ा सवाल है।