उत्तर प्रदेश के रायबरेली सलोन इलाके में बुलडोजर को प्रकाश में रखकर सूबे में दूसरी बार योगी सरकार बन कई जगह बुलडोजर भी चले लेकिन भू-माफियाओं पर इसका कोई खौफ नहीं दिख रहा है। भू-माफिया योगी सरकार में गरीबों की भूमि कब्ज़ा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। योगी सरकार द्वारा बनाई गई एंटी भू-माफिया टास्क-फोर्स पूरी तरह फेल होती हुई नजर आ रही है।
एक वृद्ध पीड़िता महिला के पक्ष में राजस्व परिषद इलाहाबाद के बाबजूद आदेश खतौनी पर पीड़िता का नाम अंकित नहीं हो सका। पीड़िता ने तहसील कर्माचारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
सलोन तहसील क्षेत्र के अतरथरिया गाँव निवासिनी तारावती का कहना है कि राजस्व परिषद इलाहाबाद उत्तर प्रदेश द्वारा द्वितीय संख्या 23 वर्ष 2016 में 4 अप्रैल को श्रीनाथ बनाम मुझ पीड़िता के आदेश का अनुपालन ग्राम अतरथरिया तहसील सलोन जिला रायबरेली फसली वर्ष 1423 से 1428 फसली खाता संख्या 00037 पर अंकित है। लेकिन विपक्षी ओम प्रकाश रस्तोगी पेशे से वकील है और सलोन तहसील मे वक़ालत करता है और सलोन कस्बे में ही निवास करता है। आरोप है कि विपक्षी ओम प्रकाश पेशे से वकील होने के चलते तहसील में अपना प्रभाव रखता है और तहसील कर्मचारियों से सांठगांठ करके राजस्व परिषद इलाहाबाद उत्तर प्रदेश का आदेश का अनुपालन वर्तमान समय की खतौनी में हटवा दिया है । पीड़िता का कहना है कि विपक्षीगणों का खतौनी से नाम हटने के बाद भी बेवजह खतौनी में नाम अंकित है जो कि मेरा नाम दर्ज होना चाहिए । इस बाबत पीड़िता ने डीएम से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।