मध्यप्रदेश जिला छतरपुर
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ अरविंद सिंह कर रहे पत्नी व भाई का प्रचार निर्वाचन प्रणाली पर उठ रहे सवालिया निशान
भगवा ।। मध्यप्रदेश मैं नगरीय निकाय चुनाव जारी है एक से एक दिग्गज चुनावी मैदान में लेकिन इस चुनाव के चक्कर में कुछ शासकीय कर्मचारी अपने कर्तव्यों से विमुख होते हुए दिखाई दे रहे है ताजा मामला छतरपुर जिले के घुवारा नगरीय निकाय चुनाव का है जहाँ एक से बढ़कर एक दिग्गज चुनावी मैदान में है और उनका प्रचार का जिम्मा उनके परिजन जो शासकीय कर्मचारी है वह संभाल रहे है घुवारा नगर के वार्ड क्रमांक 2 से भाजपा की अधीकृत प्रत्यासी ऋचा सिंह है जो छतरपुर जिला अस्पताल में पदस्थ एम डी डॉक्टर अरविंद सिंह की पत्नी है वार्ड वासियों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि डॉ अरविंद सिंह का निवास छतरपुर में है लेकिन वो प्रचार के लिए अलग से छतरपुर से घुवारा आते है और खुलेआम अपनी पत्नी ऋचा सिंह का प्रचार कर रहे है निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और स्थानीय निर्वाचन कर्मचारी तमाशबीन बने हुए है
चेतवानी के बाद भी खुलेआम कर रहे है प्रचार
छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर के द्वारा सभी शासकीय कमर्चारियों को विगत दिनों पहले चेतवानी भी दी गई थी कि कोई भी कर्मचारी किसी भी प्रत्यासी का किसी भी तरीके से चुनावी प्रचार नही करेगा लेकिन डॉ अरविंद सिंह चेतावनी के बाद भी जिला कलेक्टर संदीप जी आर की आंखों में धूल झोंकने का लगातार प्रयाश कर रहे है
*भाजपा ने वार्ड नं 2 में पैराशूट प्रत्यासी पर लगाया दांव
घुवारा नगर के वार्ड क्रमांक 2 से भाजपा ने पैराशूट प्रत्याशी पर दाँव खेला है आपको बता दे डॉ अरविंद सिंह की पत्नी चुनाव की आचार्य संहिता के पहले तक राजनीति से कोई मतलब नही था लेकिन भाजपा ने उन्हें सीधा पार्षद का प्रत्याशी बनाया है इसके पहले तक ऋचा सिंह न कभी जनता के बीच में गई है न जनता के सुख दुःख में शामिल हुई है इसलिए भाजपा के ऐसे प्रत्यासी को देखकर वार्ड वासिओ में असहजता का माहौल बना हुआ है
नही मिल रहा जनता का समर्थन
बिना किसी राजनैतिक बैकग्राउंड के कारण ऋचा सिंहः को जनता का जनसमर्थन नही मिलता दिखाई दे रहा है इसलिए इनके पति डॉ अरविंद सिंह आदर्श आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन करके दिन रात प्रचार में जुटे हुए है
*बोरवेल में फंसा हुआ था बच्चा डॉ साहब प्रचार में थे व्यस्त*
छतरपुर के नारायणपुरा में विगत दिनों पहले 5 साल का बच्चा बोरबेल में फंसा हुआ था उस वक़्त डॉ अरविंद सिंह की मौके पर वहां जरूरत थी लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार डॉ अरविंद सिंह मोके से नदारद थे और वार्डवासियों के अनुसार वह वार्ड में प्रचार प्रसार में व्यस्त थे ।
डॉ अरविंद सिंह के द्वारा खुलेआम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है स्थानीय निर्वाचन इस बात की तमाशबीन बना हुआ है अब देखना यह है कि डॉ साहब की करतुते अखबारों में उजागर होने के बाद इन पर जिला प्रशासन मेहरबान रहता है या कार्यवाही कि जायेगी
सम्पादिका गुड़िया