मध्यप्रदेश ज. टीकमगढ़ के अछरू माता में बुंदेलखंड में सिद्ध शक्तिपीठ अछरू मां के दर्शन नौ देवियों के अद्भुत चमत्कार अलौकिक व चमत्कारी कुंड के जल से बीमारियों से मिलती निजात बुंदेलखंड में सिद्ध शक्ति पीठ अछरू माता जी के दिव्य दर्शनों के लिए विदेशी सैलानी मत्था टेक कर आशीर्वाद लेते हैं और।

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मध्यप्रदेश ज. टीकमगढ़ के अछरू माता में बुंदेलखंड में सिद्ध शक्तिपीठ अछरू मां के दर्शन नौ देवियों के अद्भुत चमत्कार अलौकिक व चमत्कारी कुंड के जल से बीमारियों से मिलती निजात
बुंदेलखंड में सिद्ध शक्ति पीठ अछरू माता जी के दिव्य दर्शनों के लिए विदेशी सैलानी मत्था टेक कर आशीर्वाद लेते हैं l अछरू माता का मंदिर निवाड़ी जिले में पृथ्वीपुर के पास है l यहां पर बना कुंड के जल से बीमारियों से निजात मिलती है l विश्व में अलौकिक एवं चमत्कारिक कुण्ड के कारण प्रसिद्ध है। मां के दरबार में आने वाले भक्तों को इस दिव्य जल कुण्ड से आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद प्राप्त होता है। मन्दिर में नौ देवियों की धातु मूर्तियां भी स्थापित हैं । दर्शनार्थियों को मां के दरबार में जाने का एवं मां की कृपा पाने का सौभाग्य मिलता है। मंदिर का इतिहास 500 वर्ष पुराना है l आज हम आपको बताने जा रहे हैं अछरू माता मंदिर का इतिहास जो कि यादव समाज से जुड़ा हुआ है l लगभग 500 वर्ष पुरानी बात है, अछरू नाम के एक यादव किसान थे और उनकी कुछ भैंस गुम हो गईं थी, तो उन्हें ढूंढते ढूंढ़ते लगभग एक महीना हो गया वह किसान थक हार के एक जगह बैठ गए और प्यास के मारे उनके प्राण निकले जा रहे थे तभी देवी माँ ने उन्हें एक कुंड में से निकल कर दर्शन दिए औऱ कहा कि इस कुंड में से पानी पी लो और उन्हें कहा कि बिसागर में आपकी सभी भैसें चर रही है लेकिन अछरू नाम के किसान ने कुंड में से पानी पिया और कुंड की गहराई पता करने के लिए उन्होंने अपनी लाठी कुंड में डाली तो वो पूरी चली गयी और तो किसान अचम्भित रह गया फिर वो माता के बताए स्थान पर गया तो उन्हें सभी भैंसे मिल गयीं और उनकी लाठी भी उसी तालाब में मिली यह देख अछरू यादव नाम का किसान अचम्भित रह गया I उन्होंने यह सब बात सभी तो बताई और धीरे धीरे लोग इस स्थान पर आने लगे और लोगो की मनोकामनाएं पूर्ण होती चली गईं। भक्तों ने उस स्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करवा दिया और मां के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है l नौ देवियों की शक्ति के दर्शनों से लोगों के बिगड़े काम बन जाते हैं l

प्रधान सम्पादिका गुड़िया


 

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