मध्य प्रदेश ज. गुना आरोन गांव के क्षेत्र में हुई घटना ने सरकार एवं सभी कि आंखों को खोल दिया है और कानून का उलंघन किया गया है जिसमे अपराधियों का बोलवाला सामने आगया है जोकि यह बहुत ही निदनीय कार्य किया गया है और ।

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मध्य प्रदेश ज. गुना आरोन गांव के क्षेत्र में हुई घटना ने सरकार एवं सभी कि आंखों को खोल दिया है और कानून का उलंघन किया गया है जिसमे अपराधियों का बोलवाला सामने आगया है जोकि यह बहुत ही निदनीय कार्य किया गया है यह लोगो के द्वारा जो निर्दोष पुलिसकर्मियों पर जो बगेर किसी कारण एका एक अंधाधुंध फायरिंग जो कि गयी थि जो एक खूखार कुख्यात अपराधी गड़ ही कर सकते है और अगर इस हत्याकांड की सी बी आई जाच कराई जायगी तो इस कांड करने में उग्रवादियों के होने की पुष्टि हो सकती है क्योंकि जो पुलिसकर्मियों के ऊपर जो फायरिंग की गयी है जिस तरह वह एक उग्रवादियों कि तरह एका एक फायरिंग की गयी है और जिसमे तीन पुलिस कर्मियों कि जाने चली गयी है जबकि पुलिस वालो को अगर यह बिसवास होता के वह एक खूखार अपराधियों को पकड़ने य समझने गये थे तो वह कभीभि कुछ पुलिसकर्मियों को लेकर नही जाते और वह लोग पुलिसकर्मियों कि हत्या भी नही कर पाते जो एक निर्दोषों कि हत्या जो हो गयी है वह नही कर पाते । और आम जनता का कहना है के अगर इस निदनीय घटना के सभी अपराधियों को डंड देने में सरकार ना काम रही तो भाजपा सरकार से सभी लोगो को विसवास उठ जाएगा और जिसका संदेश संपूर्ण भारत पर असर पड़ेगा ।
गुना जिले में हुई पुलिस अधिकारियों की शहादत से मन गहरे तक व्यथित हो गया सैल्यूट है उन जाबांजो को उनकी कुर्बानी जाया नही होगी।उनकी शहादत ने पूरी तरह सोए हुए सिस्टम को झकझोर के जगा दिया है ।

ताबड़तोड़ कठोरतम कार्यवाही के निर्देश जारी हुए,उस पर अमल भी हो रहा है,परंतु प्रश्न ये है कि अपराधियों के इतने हौसले बढ़ते क्यो और कैसे है।इसका सीधा और सरल उत्तर है राजनीतिक प्रश्रय जी हां स्वार्थ की राजनीति के चलते ये भस्मासुर पलते बढ़ते है ।राजनीतिक हस्तक्षेप न हो तो पुलिस वो एजेंसी है ,जो इन्हें नको चने चबवा दे।अब समय आ गया है हमारे नेतृत्व को गहन चिंतन कर पुलिस को अपराधियो के विरुद्ध खुला हाथ देना ही होगा आम जनता को भय मुक्त समाज देने के लिए पुलिस से राजनीतिक हस्तक्षेप ज़ीरो होना चाहिए कितने ही प्रकार के आयोग पुलिस के लिए बेड़िया साबित हो रहे है उन आयोगों के माननीय सदस्यों को सोचना होगा कि पुलिस वर्दी धारण किया व्यक्ति भी मानव है,उसे भी दूसरों की रक्षा करते समय अपनी भी रक्षा करना होती है ।

उनके अपने भी परिवार होते है हमारे मुख्यमंत्री ने हताहत हुए पुलिस अधिकारियों को सेना की भांति शहीद का दर्जा दे कर उनके पीड़ित परिवार को उचित धन राशि प्रदान करने की घोषणा की है उनका ये कदम अत्यंत सराहनीय है मैं व्यक्तिगत रूप से भी उन्हें साधुवाद देता हूँ ।

मुख्यमंत्री का ये कहना कि जिनमे दम हो वो फील्ड में रहे,तो यहाँ मैं कहना चाहूंगा प्रत्येक पुलिस अधिकारी में दम है वे सभी दमदार है,बस सत्तासीन पार्टियां उन्हें खिलौना बनाने का प्रयास करती रहती है।

अगर राजनीतिक हस्तक्षेप न हो तो फिर देखिए उनका काम ऐसा नही की पुलिस प्रणाली में सब कुछ ठीक है इसमें भी कुछ स्वार्थी चापलूस टाइप के लोग है जो अनैतिक गठजोड़ करने से नही चूकते है ।ऐसे लोगो को चिन्हित कर उन्हें सिस्टम से बाहर का रास्ता दिखाना होगा।बहरहाल जो सख्ती दिखाई दे रही है निश्चित ही अपराधियो के हौसले पस्त करने वाली है।इस सख्ती को अपराधियो के विरुद्ध निरंतर जारी रखना होगा ।

खाकी दिखते ही अपराधियो को बाकी कुछ नही दिखना चाहिए , खाकी का इक़बाल बुलन्द रहेगा तो खादी भी बेदाग नज़र आएगी।

प्रधान सम्पादिका गुड़िया

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