मध्य प्रदेश ज.छतरपुर आकाशवाणी छतरपुर को रिले केंद्र बनाने के विरोध में स्थानीय कलाकारों सहित अन्य गणमान्यजनों ने आकाशवाणी को शहर की धरोहर बताते हुए इसे यथावत रखने की मांग की है और ।

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आकाशवाणी को बचाने का होगा प्रयास आलोक चतुर्वेदी

कलाकारों ने विधायक के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

मध्य प्रदेश ज.छतरपुर आकाशवाणी छतरपुर को रिले केंद्र बनाने के विरोध में स्थानीय कलाकारों सहित अन्य गणमान्यजनों ने आकाशवाणी को शहर की धरोहर बताते हुए इसे यथावत रखने की मांग की है। सोमवार को कलाकारों ने इस संबंध में छतरपुर विधायक अलोक चतुर्वेदी के माध्यम से प्रधानमंत्री ज्ञापन भेजा है। वहीं विधायक ने ज्ञापन लेकर कहा कि वे इस लड़ाई में कलाकारों और आम जनमानस के साथ हैं। सरकार को इस मुद्दे से अवगत कराकर धरोहर को बचाने की वे पूरी कोशिश करेंगे।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे कलाकार राजेश तिवारी ने कहा कि मध्य भारत की सबसे लोकप्रिय बोली बुंदेली है। इससे जुड़ी स्थानीय संस्कृति, इस बोली का गौरवशाली इतिहास और परंपरा का बुंदेली में प्रसार करने वाले आकाशवाणी के छतरपुर केन्द्र को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में चल रही तीन सभाओं में से एक सभा को 1 मई से बंद करने के आदेश दिए गए हैं। आगे चलकर योजनाबद्ध तरीके से इसे पूर्णता: रिले सेंटर बना दिया जायेगा। ऐसा होने से कृषि जगत के लोगों को जो उपयोगी जानकारी प्राप्त होती थी वह भी बंद हो जाएगी। अन्य कलाकारों ने बताया कि आकाशवाणी का छतरपुर केन्द्र मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 14 जिलों के कलाकारों, साहित्यकारों का प्रसारण केंद्र होने के साथ-साथ बुंदेली भाषा, साहित्य और संस्कृति का प्रसारक है। इस निर्णय को वापिस लिए जाने के संबंध में सभी कलाकारों एव बुंदेलखंडवासियों द्वारा विरोधी मुहिम जारी है। ज्ञापन लेकर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 1976 में बनाए गए आकाशवाणी के छतरपुर केन्द्र को बंद करने की जो योजना बनाई गई है इसे वे सफल नहीं होने देंगे क्योंकि ऐसा होने से कई लोगों का रोजगार तो छिनेगा ही साथ ही बुंदेलखंड की संस्कृति का प्रचार-प्रसार भी रुक जाएगा। इस अवसर पर कलाकार राजेश तिवारी, महेंद्र प्रताप तिवारी, मुकेश वर्मा, विनीता, पूर्णिमा चतुर्वेदी, अशोक श्रीवास सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

प्रधान सम्पादिका गुड़िया

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