मध्य प्रदेश सागर कलेक्टर दीपक आर्य के नेतृत्व में सागर को लगे विकास के पंख
चेंबर में कम; हमेशा जनता के बीच समस्याएं सुनना प्राथमिकता
मध्य प्रदेश सागर बालाघाट में विकास के सूत्रधार रहे कलेक्टर दीपक आर्य ने 4 महीने पहले जब सागर की कमान संभाली थी; समस्याओं का अंबार था लेकिन अफसर कम एक समाजसेवक के रूप में उन्होंने शून्य से शिखर की ओर बढ़ने की कवायद जो शुरू की है चंद दिनों में ही सागर में विकास के पंख लगने लगे हैं और जनता को काफी राहत है शहर के ट्रैफिक की बात करें या सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लेकर सदस्यों के सुझाव को सांझा कर फॉलो करने की बात हो सभी में कलेक्टर दीपक आर्य अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं !! श्री आर्य ने कभी सागर में विकास के पर्याय रहे कलेक्टरों की याद ताजा कर दी है! स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे प्रोजेक्टों की सतत मॉनिटरिंग और रोजाना फॉलोअप लेना उनकी पहली प्राथमिकता बन गई है! सुबह ड्यूटी टाइम से पहले दफ्तर आना और चेंबर में प्रवेश करने के पहले जो फरियादी गेट पर बैठे या खड़े होते हैं उनकी सुनना श्री आर्य का एक दायित्व बन गया है स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे प्रोजेक्टों को जल्द पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता है !आए दिन शहर भ्रमण पर निकल कर अस्पताल; राशन दुकानों का निरीक्षण ट्रैफिक व्यवस्था आदि का जायजा लेकर पब्लिक के लिए राहत दे रहे हैं! कलेक्टर दीपक आर्य का नाम आज से करीब एक दशक पहले रहे आईएएस वीआर नायडू ; केसी गुप्ता; प्रभांशु कमल; कोमल सिंह यादव;प्रशासक मनोज श्रीवास्तव जैसे कलेक्टरों ने जो अपनी कार्यशैली से अमिट छाप छोड़ी है वही काम प्राथमिकता से दीपक आर्य कर रहे हैं !! संवाददाता से चर्चा में उन्होंने कहा- मेरा मकसद जनता की समस्याओं को हल करना और सागर में विकास हो यही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है! कलेक्टर दीपक आर्य जनता के बीच रहकर काफी समस्याएं हल कर रहे हैं! मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई की बात हो या आम दिनों में फरियादियों के मिलने की वह सभी की सुनते हैं और प्राथमिकता के समस्याओं को हल करने के आदेश कर रहे हैं! वे अपनी कार्यशैली से सीएम के टॉप टेन कलेक्टरों की लिस्ट में भी शुमार हो चुके हैं! इससे पहले बालाघाट में उन्होंने कई नक्सलियों को रोजगार से जोड़कर महिलाओं के समूह बनाकर उनके उत्पादों को बाजार दिलाया है ! सागर में विकास और जनता के लिए कलेक्टर दीपक आर्य एक संजीवनी है !उनके नेतृत्व में सभी विभागों के मुखिया अपनी-अपनी जिम्मेदारी तय कर सागर विकास का खाका तैयार करने में लगे हैं ! गौरतलब है
राजघाट परियोजना बीआर नायडू की देन है तो विकास एक्सप्रेस केसी गुप्ता की! इसके अलावा कलेक्टर कोमल सिंह ने टेलीफोन के माध्यम से समस्याएं सुनने में “हेलो से निकलता हल” फार्मूला अपनाया था; वह भी प्रदेश में चर्चाओं में रहा था! इसके अलावा कभी निगम प्रशासक रहे मनोज श्रीवास्तव ने
शासन के राजस्व में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि की थी! उन्हीं अफसरों की कार्यशैली की तरह दीपक आर्य सागर विकास में आगे है!!
रामकुमार राजपूत स्टेट ब्यूरो चीफ