मध्य प्रदेश हिंदू एवं मुस्लिम दोनों ही पक्ष का अपना अपना दावा जामा मस्जिद भोपाल में शिव मंदिर, ब्रिटिश गजेटियर को बनाया आधार: ज्ञानवापी केस के एडवोकेट से ली जाएगी रायशुमारी, राम जन्मभूमि केस लड़ चुके और ।

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मध्य प्रदेश हिंदू एवं मुस्लिम दोनों ही पक्ष का अपना अपना दावा जामा मस्जिद भोपाल में शिव मंदिर, ब्रिटिश गजेटियर को बनाया आधार: ज्ञानवापी केस के एडवोकेट से ली जाएगी रायशुमारी, राम जन्मभूमि केस लड़ चुके ।

भोपाल के चौक बाजार स्थित जामा मस्जिद में शिव मंदिर होने के दावे और सर्वे की मांग के बाद विवाद छिड़ गया है। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्ष अपना-अपना दावा ठोक रहे हैं। संस्कृति बचाओ मंच भोपाल की जिला अदालत में पिटीशन लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए यूपी की ज्ञानवापी (काशी) मस्जिद मामले में हिंदुओं के पक्षकार सीनियर एडवोकेट हरिशंकर जैन से भी सलाह ली जाएगी। वे राम जन्मभूमि केस भी लड़ चुके हैं। बतौर तैयारी संस्कृति बचाओ मंच ने 114 साल पुराने दस्तावेज इकट्‌ठा किए हैं, जो पिटीशन के साथ लगाए जाएंगे। सीनियर एडवोकेट जैन ने राम जन्‍मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में हिंदू महासभा का प्रतिनिधित्‍व किया था। वे हिंदू/जैन देवी-देवताओं से जुड़े कम से कम 12 मुकदमों में वकील हैं। ज्ञानवापी मामले में वाराणसी के सिविल कोर्ट में हिंदू महिलाओं की तरफ से उन्‍होंने ही अर्जी लगाई थी। एडवोकेट विष्णुशंकर जैन उनके बेटे हैं। दोनों पिता-पुत्र ज्ञानवापी मामले में कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। एडवोकेट जैन ने बताया, भोपाल की जामा मस्जिद मामले में अभी संपर्क नहीं हुआ है। संपर्क होने के बाद ही कुछ कहेंगे।
अंग्रेजों के गजेटियर को भी बता रहे आधार
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया, मस्जिद से जुड़े कई दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं। इनमें 114 साल पुराना दस्तावेज भी महत्वपूर्ण है। अंग्रेजों के भोपाल स्टेट गजेटियर-1908 में भी मस्जिद में शिव मंदिर होना बताया गया है। इसके 50 साल के बाद 1958 में मस्जिद का वक्फ रजिस्ट्रेशन हुआ था। करीब 114 साल पुराने गजेटियर को भी आधार बनाया जा रहा।
कुदसिया बेगम की बुक में भी जिक्र
भोपाल की पहली महिला शासक कुदसिया बेगम ने 1832 से 1857 ई. के बीच ये मस्जिद बनवाई थी। इसका जिक्र उर्दू में लिखी उनकी 688 पेज की किताब ‘हयाते कुदसी’ में किया गया है। ये बुक हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ट्रांसलेट की गई है। इसमें भी मस्जिद में शिव मंदिर होना बताया है। दस्तावेज जुटाने के बाद वकीलों के पैनल के जरिए कोर्ट में पिटीशन लगाई जाएगी।
मुस्लिम पक्ष का भी दावा
संस्कृति बचाओ मंच के दावे और सर्वे की मांग के बाद मुस्लिम पक्ष भी मैदान में उतर गया है। मसाजिद कमेटी के सेक्शन दारुल कजा और दारुल इफ्ता ने जामा मस्जिद से जुड़े सारे दस्तावेज अपने पास होने का दावा किया है। इसे लेकर शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी, मुफ्ती अब्दुल कलाम कासमी, नायब काजी सैयद बाबर हुसैन नदवी, नायब मुफ्ती रईस अहमद कासमी, जसीम दाद खां जामई, नायाब काजी मो. शराफत रहमानी, मो. अली कदर हुसैनी आदि ने संयुक्त बयान भी जारी किया है। मुस्लिम पक्ष ने भी मस्जिद से जुड़े सारे दस्तावेज होने का दावा किया है।

प्रधान सम्पादिका गुड़िया

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