राजस्थान में गुरू पूर्णिमा मनाई गयी धूमधाम से कोरोना के नियमो का पालन करते हुए उदयपुर और चितौड़गढ़ के दोनो जनपदो के बीचों बीच में और ।

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राजस्थान उदयपुर उदयपुर जिलो के सीमावर्ती चितौडगढ़ जिले के ताणा गांव की जहाँ पर गुरुपूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं एवं गुरुओ ने उड़ाई नियमों की धज्जियां , संक्रमण का खतरा बना है ।

चित्तौड़गढ़ जिले के ताणा ग्राम पंचायत के साण्डेश्वर महादेव की तलहटी में स्थित स्कूल की में
जहाँ बड़े बड़े राजनेताओ से लगाकर छोटे मोटे भक्तों ने की गोपाल महाराज के द्वारा मनाए गए गुरुपूर्णिमा मोहत्सव में शिरकत।
देखना यह हे कि प्रशासन इसको लेकर कितनी जिम्मेदारी निभाता है।
सरकार के कोविड 19 के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मनाया गुरु पूर्णिमा महोत्सव आज संपूर्ण देश कि निपुण विश्व कोरोनावायरस से ग्रसित है ।
सरकार के द्वारा समाज का हित करने के लिए समाज के जन-जन को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई और सख्त निर्देश जारी किए गए कि इस कोरोना महामारी के अंतर्गत कोई भी किसी भी तरह का धार्मिक आयोजन संपादित नहीं होगा खास तौर पर इस गुरु पूर्णिमा पर्व को लेकर भी सख्त निर्देश दिए गए थे कि 20 से संख्या ज्यादा नहीं होगी और अपने घर पर रहकर ही गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा लेकिन इन सब नियम कानून कानूनों को ताक में रखकर ऐसे ही दुनिया को भ्रमित कर रहा व्यक्ति अपने आप को ब्रह्म स्वरूप मान बैठा है ऐसा उदाहरण देखने को मिला ताणा गांव के अंतर्गत विद्यालय गुरुकुल जहां स्वामी गोपाल शरण आनंद सरस्वती जी महाराज ने आज 500 भक्तों के साथ गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया सभी ने शिवम संत एवं साधुओं ने भी लोकडाउन की पूरी तरह उड़ाई धजिया संत और साध्वी के मुख पर मास्क भी लगा हुआ नहीं था। जब गोपाल महाराज से पूछा गया मास्क नही लगाने पर तो उनका कहना था कि वो गौ मूत्र का सेवन करते है इसलिय उनको कोई भी बीमारी नही होती। सवाल यह उठता है कि गोपाल महाराज के कहे अनुसार अगर गौ मूत्र से महामारी कोरोनो खत्म हो सकता है तो फिर दुनिया वेक्सीन बनाने में क्यो लग रही है। ।जबकि भारत का प्रधानमंत्री मुह पर मास्क बाध सकता है तो ये साधु संत क्यो नही ऐसा संत आज सरकार के नियमों को महत्व न देकर आज शर्मसार जैसा काम किया है।
हम आपको बता दे कि एक भूल कि खातिर बड़ोद भीलवाड़ा में शादी समारोह आयोजित किया गया जिसमें 50 व्यक्तियों की स्वीकृति के बाद में डेढ़ सौ- दो सौ लोगों पहुंचे । उनके खिलाफ सरकार ने गाइडलाइन उल्लंघन करने के कारण सख्त कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया तो क्यों ना इस संत के ऊपर भी कार्रवाई की जानी चाहिए?
उन्होंने सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा कर अपने आप को ब्रह्म मान लिया।गौरतलब है कि मेवाड़ क्षेत्र में कोरोना महामारी को लेकर के जगह जगह हम मठाधीश द्वारा गुरुपुर्णिमा घर पर ही मनाने के निर्देश जारी किए थे ।
लेकिन सांडेश्वर महादेव की तलहटी में स्थित गुरु कुल विद्यालय मैं इस तरह से मनाना कहीं न कहीं सवालिया निशान खड़ा करता है।
रीपोर्टर मुकेश मेनारिया

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