उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा मिशन शक्ति अभियान के तीनो चरणों के तहत अपराधियों को सजा दिलाये जाने के प्रयासो के सार्थक नतीजे आए और कईयों को मृत्यु मिली और कईयों को सजाएं यह रहा सराहनीय कार्य सरकार का और ।

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उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा मिशन शक्ति अभियान के तीनो चरणों के तहत अपराधियों को सजा दिलाये जाने के प्रयासो के सार्थक नतीजे

अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी से
31 अभियुक्तो को मिली मृत्यु दण्ड की सजा

1087 अभियुक्तों को मिला आजीवन कारावास

1315 अभियुक्तों को 10 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक की सजा

2810 अभियुक्तों को मिली 10 वर्ष से कम की सजा

19979 अभियुक्त की जमानज खारिज

503 अभियुक्त जुर्माने से दण्डित

लखनऊः 31 दिसम्बर, 2021

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर महिलाओं/बालिकाओं सम्बन्धी अपराधों पर अंकुश लगाये जाने एवं उनमें सुरक्षा की भावना जागृत किये जाने हेतु चलाये जा रहे प्रदेश व्यापी मिशन शक्ति अभियान के तीनो चरणों के तहत अपराधियों को सजा दिलाये जाने के सार्थक नतीजे सामने आये है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया है कि 17 अक्टूबर 2020 से 21 दिसम्बर 2021 तक मिशन शक्ति अभियान के तीनों चरणों के तहत अभियोजन विभाग ने प्रभावी पैरवी के माध्यम से कुल 31 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड की सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है। साथ ही प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चल रहे मुकदमों में प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप 1087 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में भी सफलता प्राप्त हुई है।
अवस्थी ने बताया कि आलोच्य अवधि में 1315 अभियुक्तों को 10 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक की सजा कराने मेें तथा 2810 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा भी दिलाने मंे सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि 19979 अभियुक्तों की जमानतें खारिज करायी गयी है। साथ ही 503 अभियुक्तों को जुर्माने से दण्डित कराया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन, आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप जनवरी 2020 से नवम्बर 2021 तक भादवि के कुल 1,58,864 तथा अन्य अधिनियम के 6,93,443 मुकदमों में सजा का निर्णय सुनाया गया है। उन्होंने बताया कि इनमे से पोक्सो अधिनियम के 1619 मामलोें में, गैंगेस्टर एक्ट के 1414 मामलों में, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार (निवारण) अधिनियम के 613 मामलों में, बलात्कार के 503 मामलों में सजा का निर्णय सुनाया गया है।
शिवदेवी पाल प्रधान सम्पादिका

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