उत्तर प्रदेश रायबरेली के ऊँचाहार में आखिर एनटीपीसी अधिकारी संविदा कर्मी को क्यो बचाना चाहते है।एनटीपीसी के एक अधिकारी द्वारा एक संविदा कर्मी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का मामला संज्ञान में आने से हड़कंप मच गया है। अधिकारी इतना दबंग है के ठेकेदार द्वारा रिश्वत न दिए जाने स को लेकर अधिकारी गाली गलौज से लेकर मारपीट पर आमादा हो गया ।
मिली जानकारी के अनुसार राख यूटिलाइजेशन विभाग में डीजीएम पद पर तैनात तरित बंगाल और यूपीएल के द्वारा संविदा पर तैनात संजय यादव के द्वारा मिलीभगत कर ठेकेदारों को डरा धमका कर उनसे अवैध वसूली करने का आरोप लगाते हुए ठेकेदार कंपनी आरके कंस्ट्रक्शन ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, सीवीओ, एनटीपीसी के सीएमडी, सीबीआई तथा मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर बताया है की संविदा पर तैनात संजय यादव ने ठेकेदार से ₹10000 प्रति माह डीजीएम को पहुंचाने की बात कही ना पहुंचाने पर उसकी कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर कई तरह के नुकसान पहुंचाने की बात कही। इस बाबत जब ठेकेदार ने डीजीएम से मिलकर उनसे निवेदन किया कि उसकी कंपनी घाटे में है और वह उनकी इस मांग को पूरा नहीं कर सकता है तो डीजीएम आपे से बाहर हो गए और उन्होंने ठेकेदार के साथ धक्का-मुक्की करते हुए उन्हें गालियां दी और उन्हें जमीन पर गिरा दिया और कहा कि अब तुमने मांग पूरी नहीं किया तो हमारी पहुंच ऊपर तक है और हम तुम्हारी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करके बर्बाद कर देंगे। ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए बताया संविदा कर्मी संजय यादव काफी दिनों से इस विभाग में तैनात है और अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करता है भ्रष्टाचार के कारण उसने अकूत संपत्ति बना ली है उसके नाम पर कुछ बोलेरो गाड़ियां एनटीपीसी में लगी हुई हैं इसके अलावा रायबरेली जैसे शहर में दो दो प्लाट होने की बात कही है ठेकेदार का आरोप है कि इस कार्य में अधिकारी का भी पैसा लगा है इसके अलावा ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए बताया ऐस पाउंड से उठने वाली राख की ओवरलोडिंग करा कर डीजीएम द्वारा एनटीपीसी के द्वारा करोड़ों का भुगतान किया जाता है और उसमें भारी मात्रा में बंदरबांट किया जाता है जिससे एनटीपीसी जैसे सम्मानित कंपनी का जहां काफी नुकसान हो रहा है। वही उसकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे। हैं सबसे बड़ी बात तो यह है जहां एनटीपीसी से प्लांट से निकलने वाली राख में ओवरलोडिंग के चलते एक संविदा कर्मी को नोटिस दी गई है वहीं ऐशपाण्ड से उठने वाली राख की और लोडिंग करा कर उसका पूरा भुगतान संबंधित ठेकेदारों को किया गया है इससे निश्चित है कहीं न कहीं इस में भ्रष्टाचार की बू आती है इस बाबत उच्च अधिकारियों से बयान देने का प्रयास किया।