उत्तर प्रदेश मेरठ महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने मेरठ मंडल आयुक्त एवं नगर आयुक्त को एचडी लिखकर कहां है कि नगर निगम द्वारा रात में चलाई जा रही जेबीसी के सफाई अभियान से मैं संतुष्ट नहीं हूं तीन चार बार पहले भी बता चुका हूं कि मुझे बताएं काम पर नालों की सफाई होनी है और निगम के अधिकारी मुझे गोलमोल जवाब देते हैं महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा मैं खुद खड़े होकर सफाई करानी पड़ेगी शपथ लेने के बाद और हरिकांत अहलूवालिया ने कहा था कि लड़के और नालों की सफाई पहली प्राथमिकता है आपको बता दें दांतों की सफाई केवल फाइल पर और खानापूर्ति करके समाप्त कर दी जाती थी सूत्रों के अनुसार एक डिपो पर ₹70 हजार प्रति माह का डीजल का खर्चा बताया जाता है मेरठ के अंदर लगभग 3 डिपो हैं एक सूरजकुंड डिपो एक दिल्ली रोड डिपो और एक कंकरखेड़ा डिपो इन तीनों का खर्चा महीने में लगभग ढाई करोड़ खाया जाता है जबकि जानकारी के अनुसार केवल एक डिपो में 2000000 रुपए प्रतिमाह का ही खर्चा आता है बाकी रुपया कहां जाता है यह भी एक सोचने का विषय है जनता की कमाई और टैक्स का पैसा गायब हो जाता है अगर इसकी जांच कराई जाए तो भ्रष्टाचार पकड़ में आ जाएगा आपको बता दें अगर जो किलोमीटर और घंटे के हिसाब से डीजल का खर्चा दिया जाए तो नगर निगम और उत्तर प्रदेश सरकार का करोड़ों रुपए महीना बचत होगी जिससे मेरठ का विकास होगा आपको बता दें 2012 में भी महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने खड़े होकर नालों की सफाई कराई थी और उसी का इनाम पार्टी से टिकट मिला और वह एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते क्योंकि ईमानदार महापौर की इमानदारी को जनता ने दिया भरपूर इनाम और उन्होंने भूमिया के पुल का भी जायजा लिया गड्ढा मुक्त सड़क स्मार्ट सिटीचाहिए और उसी को लेकर हरिकांत आहलूवालिया उत्तर प्रदेश के मुख्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे सह संपादक सुशील रस्तोगी की खास रिपोर्ट