उत्तर प्रदेश मेरठ मैं व्यापारियों का उत्पीड़न एवं आम जनता को परेशान करना कुछ फैंटम के सिपाही और दरोगा की मिलीभगत के कारण हो रहा है
मेरठ उच्च अधिकारियों को बदनाम करने में भी लग गए हैं फैंटम के सिपाही और थानों में डटे हुए पुराने दरोगा
मेरठ में ऐसे कई थानेजिसमें पिछले 3 साल से भी ज्यादा समय से दरोगा टिके हुए हैं जो कि व्यापारियों पर ध्यान नहीं देते उनका करते हैं उत्पीड़न पहले की सरकार में थानेदार अपने क्षेत्र के व्यापारी अध्यक्षों से मीटिंग करते आए हैं जिससे व्यापारी और थानेदार का बराबर मेल चलता रहा है और आपस में एक दूसरे की बात से सहमत होकर व्यापार को आगे बढ़ाते आए हैं अब मामला ऐसा फंसा हुआ है कि थानेदार व्यापारियों का उत्पीड़न करना बिना जांच करें मुकदमा कायम करना और व्यापारियों को फसाना पहली प्राथमिकता हो गई है इससे सरकार ही नहीं मेरठ के प्रशासन के उच्च अधिकारी भी बदनाम होते हैं थानेदार अपनी चला रहे हैं उनके साथ दरोगा और सिपाही भी अपनी मनमानी कर रहे हैं और व्यापार इसी कारण फेल होती नजर आ रहे हैं व्यापारी वर्ग का कहना है की थानेदार से लेकर दरोगा और सिपाही व्यापारियों की सुनते नहीं है आगामी 2022 में विधानसभा के इलेक्शन आ रहे हैं जिसके कारण ऐसा ना हो व्यापारी वर्ग परेशान होकर वोट ना दें और सरकार पर फर्क पड़ जाए और सीटें घट जाए यह एक चिंता का विषय है कि व्यापारी मंदी के कगार पर चल रहा है और उसके बाद उसको परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है
ललित अपराध लाइव न्यूज़ चैनल सह संपादक सुशील रस्तोगी की खास रिपोर्ट