उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई फटकार पीड़ित परिवार ने अदालत में रखी 3 मांगें  यूपी के चर्चित हाथरस कांड  में स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले की सुनवाई की ओर।

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उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई फटकार, पीड़ित परिवार ने अदालत में रखी 3 मांगें
यूपी के चर्चित हाथरस कांड  में स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने यूपी सरकार को फटकार भी लगाई।
हाइलाइट्स:
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाथरस कांड के मुद्दे पर यूपी सरकार को लगाई फटकार
पीड़िता का अंतिम संस्कार बिना सहमति करने पर उच्च न्यायालय ने जाहिर की नाराजगी
अगली सुनवाई के लिए 2 नवंबर की तारीख हुई तय, फिर पेश होंगे परिवार और सरकार के लोग
सोमवार को अदालत में डीजीपी, अपर मुख्य सचिव समेत तमाम अफसर नहीं दे सके संतोषजनक जवाब
लखनऊ/हाथरस
यूपी के चर्चित हाथरस कांड  के बाद सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow High Court) ने पीड़ित परिवार समेत यूपी सरकार के अफसरों से तमाम मुद्दों पर सवाल किए। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने यूपी के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव (गृह) और हाथरस जिला प्रशासन के अफसरों को तलब किया था। इसके अलावा हाई कोर्ट ने पीड़िता के परिवार के सभी पांच लोगों को भी यहां बुलाया था। इस सुनवाई के दौरान अदालत ने यूपी सरकार को पीड़िता का बिना सहमति अंतिम संस्कार करने समेत तमाम मुद्दों पर जमकर फटकार लगाई।

इस सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार ने हाई कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए तीन तरह की मांग की। पीड़िता के परिवार ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले को यूपी के बाहर के किसी राज्य में ट्रांसफर करने का आदेश दे। इसके अलावा परिवार ने अनुरोध किया कि सीबीआई जांच के सभी तथ्य जांच पूरी होने तक पूरी तरह से गोपनीय रखे जाएं, साथ ही जांच की अवधि में परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यूपी सरकार ने मांगा 2 नवंबर तक का वक्त
हाथरस कांड की पीड़िता के परिवार के साथ प्रसिद्ध वकील सीमा कुशवाहा ने हाई कोर्ट में तमाम दलीलें रखीं। वहीं यूपी सरकार की तरफ से अडिशनल एडवोकेट जनरल विनोद शाही अदालत में जिरह करने पहुंचे। सुनवाई के दौरान अदालत ने यूपी के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव और हाथरस के डीएम एवं एसपी से सवाल पूछे। इसके अलावा पीड़िता के परिवार का बयान भी दर्ज कराया गया। अदालत में यूपी सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए 2 नवंबर तक समय देने की मांग की।
अंतिम संस्कार पर अदालत ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिना परिवार की सहमति के पीड़िता का अंतिम संस्कार कराने पर नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई। इसके अलावा अदालत ने प्रशासन से तमाम और सवाल भी किए। पीड़िता का अंतिम संस्कार ऐसे क्यों किया गया, इसे लेकर अदालत में यूपी सरकार को खास जवाब नहीं दे सकी। इसके बाद अदालत ने 2 नवंबर को फिर सभी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
सुरक्षा देने की मांग को सरकार ने माना
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने पीड़िता के परिवार की उस मांग को माना, जिसमें उन्होंने जांच पूरी होने तक सुरक्षा देने का अनुरोध किया है। सरकार ने इसपर सहमति दी। हालांकि हाथरस कांड को लेकर तमाम सवालों पर यूपी सरकार कोर्ट में घिरती दिखी। इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होनी है, जिसके लिए सभी को फिर यहां आना होगा। बता दें कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई के लिए ही पीड़िता का परिवार हाथरस से लखनऊ पहुंचा था। इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर के आसपास कड़े सुरक्षा इंतजाम भी रहे।

पुष्पेन्द्र कुमार

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