उत्तर प्रदेश ललितपुर में बिजली विभाग के कार्यालय पर दलालों का कब्जा जिला प्रशासन बना मूकदर्शक और सो रहा कुम्भकर्णी नीद में और ।

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उत्तर प्रदेश ललितपुर में बिजली विभाग के कार्यालय पर दलालों का कब्जा जिला प्रशासन बना मूकदर्शक और सो रहा कुम्भकर्णी नीद में और ।

बिजली विभाग के कार्यालय पर दलालों का कब्जा
प्रशासन कर रहा है अन्य देखी

उत्तर प्रदेश ललितपुर दलालों के वर्चस्व के मामले में बिजली विभाग ने एआरटीओ कार्यालय को भी पीछे छोड़ दिया है। बगैर दलालों के सहयोग के यहां कोई काम नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं कार्यालय में महत्वपूर्ण सीटों पर बैठकर यह डीलिंग करते हैं। विदित हो कि विद्युत विभाग कार्यालय में आधा दर्जन से अधिक दलाल सक्रिय हैं। कनेक्शन लेने, अधिक बिल को कम कराने, ट्रांसफार्मर बदलवाने आदि के लिए यह उपभोक्ताओं को कब्जे में ले लेते हैं। इनका सहयोग लेना लोगों की इसलिए मजबूरी हो गयी है कि बिना इनके काम कराने में जूते के तलवे घिस जाते हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो यह दलाल अधिकारियों व बाबुओं से सांठ-गांठ कर काम के हिसाब से सौदेबाजी करते हैं। इतना ही नहीं कई महत्वपूर्ण पटल पर तो यह काम भी करते देखे जाते हैं। बिना इनके सहयोग से काम कराने वालों को इतना दौड़ाया जाता है कि वह थक-हारकर उनकी शरण में चला जाता है। झांसी हाइवे क्षेत्र के दिलीप सिंह व केहर सिंह नलकूप उपभोक्ता हैं। इन लोगों के यहां विभाग द्वारा भारी-भरकम बिल भेज दिया गया। यह दोनों सुधार के लिए भागकर जब कार्यालय आए तो कानूनी प्रक्रिया में उलझा दिया गया। कई दिनों तक दौड़भाग के बाद दलालों की शरण में इन्हें जाना पड़ा। सौदेबाजी के बाद पचास फीसदी पर मामला तय हुआ और किसी तरह जान बची। यह तो एक बानगी है, इसी तरह के सैकड़ों उपभोक्ता दलालों के शिकार हो रहे हैं। जिला प्रशासन व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। दूसरी तरफ घर-घर जाकर मीटर रीडिंग व आन स्पाट बिलिंग करने वालों की न तो उपभोक्ताओं को पहचान है और ही उनकी सूची विभाग द्वारा सार्वजनिक की गई है। पिछले दिनों तत्कालीन जिलाधिकारी से लोगों ने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया।

रिपोर्ट अमित प्रजापति

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