उत्तर प्रदेश मेरठ कोरोना कॉल और मुसीबत में डॉक्टरों ने बढ़ाई फीस अब देख रहे हैं इमरजेंसी में 2000 से ₹3000 में और कालाबाजारी करने वाले कुछ मेडिकल स्टोर 10 दवाओं की कालाबाजारी

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मेरठ कोरोना कॉल और मुसीबत में डॉक्टरों ने बढ़ाई फीस अब देख रहे हैं इमरजेंसी में 2000 से ₹3000 में और कालाबाजारी करने वाले कुछ मेडिकल स्टोर 10 दवाओं की कालाबाजारी
रेमदेसीविर इंजेक्शन के साथ कोविड-19 योग में आने वाली 10 दवाओऔर इंजेक्शन ओं की कालाबाजारी की जा रही है कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों ने दवा का स्टॉक कर लिया है दवा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से शिकायत की है दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए ड्रग्स विभाग की तरफ से कार्यवाही की जानी चाहिए एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम मित्तल ने बताया कि थोक व्यापारी प्रिंट रेट पर ही माल दे कुछ लोगों ने दवा खरीद कर स्टार्ट कर ली है पेरासिटामोल का 10 गोली का पत्ता ₹30 प्रिंट रेट है ब्लैक रेट में ₹100 से ₹150 में बेच रहे हैं ऐसा ही विटामिन सी 15 गोली ₹69 की आती है जिसको 100 से ₹200 में बेच रहे हैं फेवी ग्लू 400 एमजी की गोली का पत्ता ₹660 का है जोकि अट्ठारह ₹100 में बेचा जा रहा है टेवा ग्लोबिन इंजेक्शन ₹48000 का प्रिंट रेट है 100000 से ढाई लाख रुपए तक में बेचा जा रहा है यह है मेडिकल स्टोर के कुछ दुकानदार मालिकों की कालाबाजारी ऐसा ही मामला डॉक्टरों ने कर रखा है आपको बता दें एक केस नंबर 1 गुप्ता कॉलोनी निवासी शिव प्रकाश अग्रवाल का है जो शुगर और हार्ट के पेशेंट है रानी मिल स्थित एक वरिष्ठ चिकित्सक या उनका इलाज चल रहा है चिकित्सक की फीस ₹700 से बढ़कर ₹1000 हो गई है ऐसे ही दूसरा डॉक्टर जिसका केस नंबर दो आता है चंद्रलोक कॉलोनी निवासी धीरज की पत्नी काफी समय से बागपत रोड एक डॉक्टर के यहां चल रहा है जैसे तहसील डॉक्टर ने पत्नी को लगभग 2 मीटर दूर से देखा है ना कोई जांच ना कोई दवाई और उसके बाद ₹1000 की फीस लगाई तीसरा मामला कंकर खेड़ा निवासी विजय गोयल का है बुखार और खांसी थी करो ना जांच में रिपोर्ट नेगेटिव आई उसके बाद भी अमर जेंसी अपॉइंटमेंट में देखा ₹1000 लेने के बाद डॉक्टर ने दूर से देखा पर्चे के दवाई स्थानीय मेडिकल स्टोर पर मिल जाती लेकिन यहां से दवाई दी है और दवाई की कालाबाजारी ₹5000 में दवाई दी डॉक्टर ने अपने स्टोर से इमरजेंसी में विजिट के लिए ₹3000 तक डॉक्टर वसूल कर रहे हैं ऊपर वाले का कहर इतना तगड़ा चल रहा है उसके बाद भी नहीं बाज आ रहे कालाबाजारी करने वाले स्टोर संचालक और डॉक्टर ऐसे कई डॉक्टर हैं इन्होंने ऊपर जिम खोल रखे हैं और नीचे क्लीनिक बना रखा है अपने ही क्लीनिक में स्टोर खोल रखा है यूनिवर्सिटी के सामने आप देख सकते हैं वह कालाबाजारी डॉक्टरों की चल रही है दूर से मरीज को देखते हैं घंटो घंटो मरीज लाइन में बैठते हैं लगभग सभी डॉक्टरों का ₹800 से लेकर ₹1000 तक की फीस हो गई है जो इनकम टैक्स भी नहीं दिखा रहे हैं लगभग 100 मरीज देखते हैं लगभग ₹100000 रोज की सेल होती है 100 मरीजों की जो नर्सिंग होम के एडमिट मरीजों से अलग है लगभग प्रतिदिन ₹30000 से ज्यादा का टैक्स डॉक्टर पर बैठता है वह इनकम टैक्स भी इतना नहीं देते इनकी जांच की जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा

ललित अपराध लाइव न्यूज़ चैनल सह संपादक सुशील रस्तोगी की खास रिपोर्ट

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