मध्यप्रदेश ग्वालियर के केदारपुर धाम को भारतीय परिवेश में दुल्हन की तरह सजाया गया है

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मध्यप्रदेश ग्वालियर के केदारपुर धाम को भारतीय परिवेश में दुल्हन की तरह सजाया गया है

मध्यप्रदेश ग्वालियर में गुरुवार को सरस्वती शिशु मंदिर केदारधाम परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत का 4 दिवसीय प्रांतीय स्वर साधक संगम (घोष शिविर) का शुभारंभ ​​​हुआ। इस अवसर पर घोष की ऐतिहासिक यात्रा को लेकर प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उद्घाटन मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडे, राजा मानसिंह तोमर और संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर ने किया। इसके बाद अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
प्रांत के संघ चालक अशोक पांडे ने बताया कि प्रदर्शनी मूलतः भारतीय शास्त्रीय गायकों और वादकों पर आधारित है। पहले भाग में पारंपरिक अति प्राचीन व दुर्लभ वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया गया है। दूसरे भाग में देश के प्रख्यात गायकों और वादकों का जीवन परिचय चित्रांकित किया गया है। तीसरे भाग में ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध संगीतज्ञों का जीवन परिचय चित्रमय झांकी के द्वारा दर्शाया गया है। चौथे भाग में देशभर के प्राचीन वाद्यो का चित्रमय प्रदर्शन किया गया है। पांचवें भाग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की घोष यात्रा का इतिहास और रचनाओं के वादन को डिजिटल के माध्यम से दिखाया गया है।
आगे प्रांत सरसंघचालक ने स्वर साधक संगम शिविर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मनुष्य जीवन के संस्कारों में संगीत का अपना विशेष महत्व होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इसे संगठन गढ़ने का मूलमंत्र माना है। सर्भ स्वंयसेवकों को कदम से कदम मिलाकर चलने की प्रेरणा घोष के द्वारा दी जाती है।
26 नवंबर 2021 को शाम 04.45 पर शिविर के घोष वादकों द्वारा पथ संचलन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह संचलन महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल से प्रारंभ होकर फूलबाग, गुरुद्वारा, नदीगेट, इंदरगंज चौराहा होते हुए जीवायएमसी मैदान पर समाप्त होगा। 28 नवंबर 2021 को शिविर स्थल केदारधाम में प्रात्यक्षिक शाम 04.30 बजे होगा। इसमें घोष वादकों द्वारा व्यूह रचनाओं के माध्यम से उत्कृष्ट वादन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में सरसंघचालक मोहन भागवत का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

सुयश दीक्षित
सहसमपादक

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